भारत-पाक के मध्य हुए सीजफायर में ट्रंप का कोई रोल नहीं है- विदेश सचिव मिसरी

डिजिटल डेस्क- 22 अप्रैल को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए हमले के बाद भारत-पाक के मध्य चले हमलों और तनाव के बीच 10 मई को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पोस्ट करते हुए दोनों देशों के मध्य सीजफायर का ऐलान किया था। डोनाल्ड ट्रंप के ऐलान के बाद भारत में अमेरिका की मध्यस्थता पर प्रश्न चिह्न उठाते हुए काफी विरोथ हुआ था। इन्हीं विरोधों के चलते विदेश सचिव विक्रम मिसरी का बयान सामने आया है। जिसमें उन्होंने दोनों देशों के मध्य हुए सीजफायर में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कोई रोल होना नहीं बताया है।

ट्रंप की कोई भूमिका नहीं- मिसरी

रिपोर्ट्स के मुताबिक विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने सोमवार को संसदीय समिति को बताया कि भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम कराने में अमेरिका की कोई भूमिका नहीं थी। उन्होंने बताया कि सैन्य कार्रवाई रोकने का फैसला दोनों देशों (भारत-पाकिस्तान) के बीच दो तरफा स्तर पर लिया गया था। विदेश सचिव ने दावों का खंडन करते हुए कहा कि भारत-पाकिस्तान युद्धविराम में किसी तीसरे पक्ष की भागीदारी नहीं थी। बल्कि यह समझौता डीजीएमओ के बीच हुई बातचीत के बाद हुआ है।

परमाणु हमले पर भी बोले विदेश सचिव

इसके अलावा विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने यह भी दोहराया कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष पारंपरिक युद्ध की सीमा के भीतर ही रहा और इस्लामाबाद की तरफ से किसी भी तरह के परमाणु हमले या संकेत का कोई सबूत नहीं मिला।

क्या कहा था अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने?

अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पोस्ट करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने लिखा था कि अमेरिका की मध्यस्थता में एक लंबी बातचीत के बाद मुझे यह ऐलान करते हुए खुशी हो रही है कि भारत और पाकिस्तान पूर्ण और तत्काल युद्धविराम पर सहमत हो गए हैं। दोनों देशों को कॉमन सेंस और बुद्धिमत्ता का उपयोग करने के लिए बधाई। इस मामले पर आपके ध्यान के लिए धन्यवाद!’