2024-25 तक एनएचएआई बनाएगा लगभग 10,000 किलोमीटर डिजिटल राजमार्ग, जानिए क्या होंगें लाभ?

नई दिल्ली, पिछले कुछ वर्षों के दौरान देश में सड़कों व राजमार्गों के निर्माण सानदार काम हुआ है. मुख्यता रूप से केंद्र सरकार पूरे देश में सड़कों का जाल मजबूत करना चाहती है.जिसके लिए कड़ी मशक्कत के साथ लगी हुई है. भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण डिजिटल राजमार्ग का सिस्टम मजबूत करने के लिए एक बड़ा कदम उठाने जा रही है. भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण  वित्तवर्ष  2024-25 तक देशभर में आप्टिकल फाइबर केबल का लगभग 10 हजार किमी. का ढांचा विकसित करने की ओर अग्रसर है.

दिल्ली-मुंबई नेशनल हाइवे पर हाल ही में 246 किलोमीटर लंबे दिल्ली-दौसा-लालसोट खंड का उद्घाटन किया गया है. इसमें ऑप्टिकल फाइबर केबल डालने के लिए तीन मीटर का गलियारा बनाया गया है. क्षेत्र में 5जी नेटवर्क उपलब्ध कराने में यह बहुत जरूरी साबित होगा. आधुनिक एक्सप्रेसवे का दिल्ली-दौसा-लालसोट तक का पहला फेज का 12 फरवरी को पीएम मोदी ने उद्घाटन कर दिया है. इसके साथ ही एक्सप्रेसवे पर दिल्ली से जयपुर के बीच आवागमन शुरू हो गया.

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण का पूरा स्वामित्व वाला एसपीवी राष्ट्रीय राजमार्ग रसद प्रबंधन लिमटेड ओएफसी ढांचा तैयार करने के लिए राष्ट्रीय राजमार्गों के साथ एकीकृत उपयोग गलियारे विकसित करते हुए डिजिटल राजमार्ग का निर्माण करेगी. परीक्षण के तौर पर डिजटल राजमार्ग विकास के लिए दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे पर लगभग 1,367 किलोमीटर और हैदराबाद-बेंगलुरु कॉरीडोर पर 512 किलोमीटर को चिह्नित किया गया है.

सड़क परिवहन मंत्रालय इस पहल के प्रमुख हितधारकों में से एक है. मंत्रालय स्मार्ट और डिजिटल राजमार्ग बनाने के लिए भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण  के साथ मिलकर काम कर रहा है. इसके तहत राष्ट्रीय राजमार्गों के साथ डार्क-फाइबर कनेक्टिविटी प्रदान करके सीधे प्लग की अनुमति दी जाएगी.  स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, बैंकिंग जैसे क्षेत्रों से संबंधित सेवाओं की आपूर्ति में सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग होगा व समय की बचत होगी. इसके जरिए ना केवल बुनियादी ढांचे का विकास होगा बल्कि सुरक्षा और बदलाव में भी यह अहम भूमिका अदा करेगा.

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