जानिए क्यों चीनी जनता लगा रही है “मोदी अमर हैं” के नारे

KNEWS DESK, हमारे देश के भावी प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र दामोदर दास मोदी चीनी युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय हैं। उनकी नीतियों से चीन की जनता बहुत प्रभावित हैं। उनका मानना है कि “भारत में पिछली नीतियों के मुकाबले प्रधानमंत्री मोदी की नीतियां काफी अलग और अच्छी हैं।” आपको बता दें कि चीन के लोगों ने मोदी जी को निकनेम भी दिया है ‘मोदी लाओक्सियन’ , जिसका मतलब है- ‘मोदी अमर हैं’

अमेरिकी मैग्जीन ‘डिप्लोमैट’ में प्रकाशित एक लेख में कहा गया कि “चीन में इंटरनेट इस्तेमाल करने वालों (नेटीजन्स) के बीच पीएम मोदी काफी लोकप्रिय हैं।”  दोनों देशों के बीच सीमा विवाद के बावजूद प्रधानमंत्री की लोकप्रियता चीन में नेटिजन्स के बीच बहुत ज्यादा है। चीन में भारत को कैसे देखा जाता है? इस पर डिप्लोमैट में एक आर्टिकल छपा है। आर्टिकल के लेखक पत्रकार म्यू चुनशान ने भी लिखा कि ज्यादातर चीनी मानते हैं कि मोदी के नेतृत्व में भारत विश्व के प्रमुख देशों के बीच संतुलन बना कर रख सकता है। चुनशान को चीनी सोशल मीडिया विशेषरूप से सिना वेइबो का विश्लेषण करने के लिए जाना जाता है। सिना वेइबो चीन में ट्विटर जैसा सोशल मीडिया मंच है और इसके 58.2 करोड़ से अधिक यूजर्स हैं।

 

चीनी इंटरनेट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक निकनेम है: मोदी लाओक्सियन”

लाओक्सियन का मतलब कुछ विशेष खासियत वाले एक बुजुर्ग अमर व्यक्ति से है। इस निकनेम का मतलब है कि “चीन में इंटरनेट का इस्तेमाल करने वाले लोग सोचते हैं कि अन्य नेताओं की तुलना में प्रधानमंत्री मोदी कुछ अलग और अद्भुत हैं।” उन्होंने ये भी लिखा कि “चीनी लोग सिर्फ पीएम मोदी के ड्रेसिंग स्टाइल और फिजिकल अपीयरेंस की वजह से ही उन्हें दूसरे नेताओं से अलग नहीं मानते हैं, बल्कि वे उनकी नीतियों को भी भारत की पिछली नीतियों से अलग मानते हैं। कुछ चीनी नागरिकों का यह भी मानना है कि रूस और अमेरिका सहित विभिन्न प्रमुख देशों के साथ भारत मैत्रीपूर्ण संबंध रख सकता है।”

उन्होंने कहा कि ‘लाओक्सियन’ शब्द पीएम मोदी के प्रति चीनी लोगों की जटिल धारणा को दर्शाता है, जिसमें जिज्ञासा, विस्मय आदि शामिल हैं। लेखक ने कहा, “मैं करीब 20 साल से अंतर्राष्ट्रीय रिपोर्टिंग कर रहा हूं और चीनी नेटिजंस के लिए किसी विदेशी नेता को निकनेम देना दुर्लभ है। प्रधानमंत्री का निकनेम अन्य सभी से ऊपर है। निश्चित रूप से, उन्होंने चीनी लोगों पर एक छाप छोड़ी है।”

इसमें यह भी कहा गया कि “यूक्रेन-रूस युद्ध, जिसने अमेरिका और पश्चिम को रूस के खिलाफ खड़ा कर दिया है। इस बीच ज्यादातर चीनी महसूस करते हैं कि भारत ही दुनिया के प्रमुख देशों के बीच संतुलन बनाए रख सकता है।”

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