विधानसभा चुनावों में मिली हार पर कांग्रेस आलाकमान पर G-21 का प्रहार, राहुल गांधी अध्यक्ष नहीं हैं, लेकिन पर्दे के पीछे फैसले लेते हैं

पांचो विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को मिली करारी शिकस्त से पार्टी के आलाकमान हताश है। हार के कारणों की समीक्षा और आगे की रणनीति पर चर्चा के लिए रविवार को कांग्रेस कार्य समिति (CWC) की बैठक होगी। हार के बाद पार्टी के ‘जी-21’ ग्रुप के कई नेताओं ने शुक्रवार को बैठक की थी, जिसमें आगे की रणनीति को लेकर चर्चा की गई। टीवी9 हिंदी की एक खबर के अनुसार, G-21 के सूत्रों के हवालों से यह बात न‍िकलकर सामने आ रही है कि इस ग्रुप ने कांग्रेस पार्टी के अध्‍यक्ष पद के ल‍िए मुकुल वासनिक का नाम सुझाया था, लेक‍िन पार्टी आलाकमान ने इसे नहीं माना, ज‍िसके बाद ग्रुप ने आलाकमान पर जमकर न‍िशाना साधा है।

ग्रुप के मुताबिक, इसमें कहा गया है, ‘मौजूदा अध्‍यक्ष सोनिया गांधी जैसे पहले पार्टी चलाती थीं, वैसे चलाएं, निष्क्रिय न रहें, हमने बिहार चुनाव के बाद खत लिखा था, लेकिन कुछ नहीं बदला। केसी वेणुगोपाल, अजय माकन और रणदीप सुरजेवाला के जरिए ही अभी पार्टी चल रही है. वे मनमानी कर रहे हैं. किसी की कोई जवाबदेही नहीं है. वे खुद चुनाव बार-बार हारे हैं.’

राहुल गांधी अध्यक्ष नहीं हैं, लेकिन पर्दे के पीछे फैसले लेते हैं-
इसमें आगे कहा गया क‍ि, राहुल गांधी अध्यक्ष नहीं हैं, लेकिन पर्दे के पीछे फैसले लेते हैं. वे कभी भी खुलकर सामने नहीं आते हैं और संवाद नहीं करते. चर्चा करने के सवाल पर कहते हैं कि मैं अध्यक्ष नहीं मुझसे मत बात करिए. G-21 के सूत्रों ने बताया कि गांधी परिवार के इतर अध्यक्ष बनाया जाए तो हम लोगों ने मुकुल वासनिक के नाम का सुझाव भी दिया, वो क्यों माना नहीं गया. हम पार्टी के शुभचिंतक है, दुश्मन नहीं।

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