Uttrakhand Tunnel Collapse: रात में वेज पुलाव और मटर-पनीर, सुरंग में फंसे मजदूरों को हर घंटे दिया जा रहा खाना

KNEWS DESK- दिवाली वाले दिन यानि बीते 12 अक्टूबर को उत्तरकाशी टनल हादसा हुआ जिसमें 8 राज्यों के 41 मजदूर फंसे हुए हैं।  उत्तरकाशी के सिलक्यारा में बन रही सुरंग के भीतर फंसे मजदूरों को बचाने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है और हर घंटे इन मजदूरों तक खाना भी पहुंचाया जा रहा है। मजदूरों तक खाना पहुंचाने के लिए छह इंच की पाइप का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसे बंद पड़ी सुरंग में छेद कर फिट किया गया है।

वेज पुलाव, मटर-पनीर और मक्खन के साथ चपाती भेजी गई 

रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान पहले चार इंच की पाइप को फिट किया गया था हालांकि, अब छह इंच वाली पाइप का सहारा लिया जा रहा है। सुरंग के भीतर फंसे मजदूरों को स्वस्थ रखने के लिए लगातार खाने और पानी की सप्लाई हो रही है। मंगलवार रात मजदूरों को खाने में पाइप के जरिए वेज पुलाव, मटर-पनीर और मक्खन के साथ चपाती भेजी गईं. ‘नेशनल हाईवे एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कोर्पोरेशन’ (NHIDCL) के डायरेक्टर अंशु मनीष खुल्को ने इसकी जानकारी दी है।

खिचड़ी और दलिया का डॉक्टर्स ने दिया सुझाव

डॉक्टर्स ने सुरंग के भीतर फंसे मजदूरों के लिए खिचड़ी और दलिया का सुझाव दिया है। मगर रविवार को छह इंच वाले पाइप के ब्लॉक होने की वजह से इसकी डिलीवरी नहीं हो पाई। हालांकि, ब्लॉकेज खत्म होने के बाद सोमवार रात मजदूरों को गर्म खिचड़ी और दलिया भेजी गई। खिचड़ी को चौड़े मुंह वाली प्लास्टिक की बोतलों में पैक कर मजदूरों तक पहुंचाया गया। इस पाइपलाइन से खिचड़ी, कटे हुए सेब और केले भेजे जाने की भी व्यवस्था की गई है।

डॉक्टरों की निगरानी में बन रहा खाना

जिस होटल में मजदूरों के लिए खाना तैयार किया जा रहा है, उसके मालिक अभिषेक रामोला ने कहा कि डॉक्टरों की निगरानी में चावल और पनीर तैयार हो रहा है। उन्होंने कहा कि हमने अंदर फंसे लोगों के लिए खाना तैयार किया है। हमारी तरफ से ऐसा खाना दिया जा रहा है, जो आसानी से पच जाए। खाना बनाने वाले कुक संजीत राणा ने कहा कि हमने खाने को पर्याप्त मात्रा में पैक किया है। खाने को कम तीखा और कम तेल वाला बनाया गया है।

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