KNEWS DESK… पीएम मोदी शंघाई कोऑपरेशन समिट की मेजबानी कर रहे हैं। यह सम्मेलन वर्चुअली हो रहा है। जिसमें पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ, रूस के राष्ट्रपति व्लादमीर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग शामिल हुए हैं। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद के मुद्दे पर दुनिया को आईना दिखाया।
दरअसल आपको बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आतंकवाद किसी भी रूप में हो, हमें उसके खिलाफ मिलकर लड़ाई करनी होगी। कुछ देश आतंकवादियों को पनाह देते हैं। ये क्षेत्रीय शांति के लिए बड़ा खतरा है। आतंकवाद पर दोहरे मापदंड के लिए कोई जगह नहीं है। प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ देश क्रॉस बॉर्डर टेररिज्म को नीतियों में जगह देते हैं। आतंकवादियों को पनाह देते हैं। आतंकवाद क्षेत्र की शांति के लिए खतरा है। मोदी ने ईरान के SCO में शामिल होने की घोषणा की। उन्होंने ईरान के लोगों को इसके लिए बधाई दी। पीएम मोदी ने ईरान के लोगों को इसके लिए बधाई दी। मोदी ने कहा- भारत का सिद्धांत पूरा विश्व एक परिवार है।
हम SCO को भी अपना परिवार मानते हैं
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हम SCO को अपना परिवार मानते हैं। पहली बार SCO मिलेट फूड फेस्टिवल, फिल्म फेस्टिवल, क्राफ्ट मेला, थिंक टैंक कॉन्फ्रेंस जैसी चीजें हुई हैं। SCO की पहली पर्यटन और सांस्कृतिक राजधानी वाराणसी में कार्यक्रम हुआ। SCO देशों के युवाओं की प्रतिभा को उजागर करने के लिए हमने कई कार्यक्रम किए हैं।
जानकारी के लिए बता दें कि इस शिखर सम्मेलन में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हिस्सा लिया। जून के अंत में वैगनर सेना के समूह द्वारा विद्रोह को कुचलने के बाद यह पुतिन की किसी अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम में पहली उपस्थिति थी। शिखर सम्मेलन में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ़ ने भी भाग लिया। आतंकवादियों को पनाह देने के कारण विश्व स्तर पर अलग-थलग पड़ चुका पाकिस्तान इस शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए तैयार है।
भविष्य के विकास के लिए रूपरेखा तैयार करेंगे
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने एक बयान में कहा कि जिनपिंग बैठक में महत्वपूर्ण टिप्पणियां देंगे और अन्य नेताओं के साथ संगठन के भविष्य के विकास के लिए रूपरेखा तैयार करेंगे। उम्मीद है कि SCO सदस्य राष्ट्र अफगानिस्तान, आतंकवाद, क्षेत्रीय सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन और डिजिटल समावेशन सहित अन्य विषयों पर चर्चा करेंगे। SCO बैठक का विषय SECURE है। सूत्रों के मुताबिक, शिखर सम्मेलन में अफगानिस्तान की स्थिति, यूक्रेन संघर्ष और SCO सदस्य देशों के बीच सहयोग, संपर्क और व्यापार बढ़ाने पर चर्चा होने की उम्मीद है।