उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य कर्मियों का कार्य बहिष्कार कार्यक्रम प्रमुख सचिव  के अश्वासन के बाद हुआ स्थगित

KNEWS DESK…. स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा बीते 5 दिनों से हर हर दिन 2 घंटे के लिए चल रहे कार्य बहिष्कार को स्थगित कर दिया गया गया है। प्रमुख सचिव  के अश्वासन के बाद स्वास्थ्यकर्मी मान गए हैं और हड़ताल को स्थगित करने का फैसला लिया है।

दरअसल आपको बता दें कि स्वास्थ्य कर्मी तबादला नीति में संशोधन व अन्य मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे थे। पांचवे दिन शनिवार को भी महासंघ के आह्वान पर कर्मचारियों ने 2 घंटे का काम बहिष्कार किया गया था। जिसके चलते सुबह 8 बजे से 10 बजे तक ओपीडी से लेकर जांच तक की सारी व्यवस्थाएं बंद रहीं। सभी काम बंद होने से मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। 2 घंटे के कार्य बहिष्कार के बाद वापस 11 बजे से शुरू हुए सभी कार्य लेकिन उसके बाद भी मरीजों को पर्ची काउंटर से जांच,उपचार तक के लिए काफई लम्बी कतारों में खड़ा होना पड़ा। जिसके चलते लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। चिकित्सा स्वास्थ्य महासंघ के महासचिव अशोक कुमार ने बताया कि नीतिगत तबादले स्थगित करने, कर्मचारी संगठनों के अध्यक्ष एवं मंत्रियों को तबादले के दायरे से बाहर रखने, पूर्व में स्थानांतरित कर्मियों को तबादला भत्ता देने, उच्चीकृत जिला अस्पतालों के मेडिकल कॉलेज बनने पर वहां से स्थानांतरित कर्मियों को समायोजित करने जैसी मांगों को लेकर पूरे प्रदेश में आंदोलन चल रहा है। लेकिन अब तक महासंघ की मांगों पर कोई कार्यवाही नहीं हुई है। इससे नाराज स्वास्थ्य कर्मियों ने दो घंटे के कार्य बहिष्कार का निर्णय किया । अशोक कुमार ने कहा था कि शासन-प्रशासन हठधर्मिता कर रहा है। ऐसे में जल्द ही कर्मचारी उग्र प्रदर्शन के लिए मजबूर होंगे। कार्य बहिष्कार का प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ, राजकीय नर्सेज संघ, राजपत्रित डिप्लोमा फार्मेसी एसोसिएशन, डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन, चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी संघ, सहायक प्रयोगशाला संघ, एक्स-रे टेक्नीशियन एसोसिएशन, डार्क रूम असिस्टेंट एसोसिएशन, टीबी कंट्रोल इंप्लाइज एशोसिएशन सहित अन्य संगठनों ने समर्थन किया था।

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