प्रिंट मीडिया का सीमित दायरा, लेकिन सोशल मीडिया का कोई दायरा नहीं
सोशल मीडिया की हर पोस्ट की विश्वसनीयता और प्रमाणिकता जरूरी-CM
लखनऊ– लखनऊ में करीब 20 साल पहले प्रिंट मीडिया का बोलबाला था। फिर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया आया। उस समय इसकी संख्या बहुत कम थी, फिर धीरे-धीरे इसकी संख्या में बढ़ोतरी हुई वहीं पिछले सात- आठ वर्षों में सोशल मीडिया और डिजिटल मीडिया का तेजी से प्रचार-प्रसार हुआ। पहले जहां लोग सुबह न्यूज पेपर पढ़कर देश-विदेश की गतिविधियों से रूबरू होते थे, वहीं सोशल मीडिया के माध्यम से अब देश-दुनिया की पल-पल की खबर लोगों तक पहुंच रही है। इसे स्मार्ट फोन ने और आसान बना दिया है, लेकिन इसका गलत इस्तेमाल भी किया जा रहा है। ऐसे में डिजिटल क्रांति में वही ठहर पाएगा, जो इसका सही इस्तेमाल करेगा। बाकी तो आते-जाते रहेंगे। इसके लिए अपनी विश्वसनीयता को बनाए रखना सबसे अहम है। ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान (आईजीपी) में आयोजित सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर्स को सोशल मीडिया संवाद कार्यक्रम में संबोधित करते हुए कही।
सोशल मीडिया पर पोस्ट से पहले एनालिसिस जरूरी
सीएम योगी ने कहा कि प्रिंट मीडिया का सीमित दायरा होता है, लेकिन सोशल मीडिया का कोई दायरा नहीं होता है। ऐसे में आप सभी पिछले 9 वर्षों में बदलते भारत की तस्वीर को सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों तक पहुंचाने के साथ वायरल कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश का वैश्विक मंच भारत की प्रतिष्ठा और विरासत का सम्मान हो रहा है। इसमें सोशल मीडिया की भी अहम भूमिका रही है। सोशल मीडिया का ही नतीजा है कि चीन में आज योग की सबसे ज्यादा क्लासेस लग रही हैं।
डबल इंजन की सरकार तुष्टिकरण नहीं, सशक्तिकरण है
सीएम योगी ने कहा कि वैश्विक मंच पर बढ़ती भारत की प्रतिष्ठा, देश के इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट, गरीब कल्याणकारी योजनाओं समेत महिला सशक्तिकरण के लिए उठाए गए बेहतर कदमों को सोशल मीडिया के माध्यम से हाईलाइट कर सकते हैं। इससे हम देश दुनिया से अधिक से अधिक लोगों को जोड़ सकते हैं। उन्हें सही तथ्यों से अवगत करा सकते हैं क्योंकि हम उन्हें जो मैटेरियल देंगे तो उसे ही लोग स्वीकार करेंगे इसलिए उसकी प्रमाणिकता जरूरी है ताकि अगर वह कहीं से उस तथ्यों को क्रॉस चेक करे तो उन्हें सही जानकारी मिले। इससे आपकी विश्वसनीयता भी बढ़ेगी। सीएम योगी ने कहा कि आपने एग्जिट पोल में देखा होगा, जो जमीनी धरातल पर कार्य करता है उसका ही आकलन सही होता है। प्रदेश में 6 वर्षों में 54 लाख गरीबों को आवास दिए गए। उनके आधे-आधे मिनट के वीडियो बनाकर उसे सोशल मीडिया पर वायरल करें ताकि दुनिया को पता चल सके एक योजना आर्थिक स्वावलंबन का कैसे आधार बनी। यह महज एक उदाहरण है। सोशल मीडिया पर इस तरह की योजनाओं को वायरल करने से बड़ी संख्या में लोगों के जीवन में परिवर्तन आ सकता है। सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में मुस्लिम आबादी 19 से 20 फ़ीसदी होगी जबकि योजनाओं में मुस्लिम लाभार्थियों की संख्या 35 फ़ीसदी थी, जो यह दर्शाता है कि सरकार बिना किसी भेदभाव के सबको विकास से जोड़ रही है। इस असलियत को सोशल मीडिया के माध्यम से दुनिया के सामने लाना चाहिये ताकि जो लोग वैश्विक मंच पर देश को बदनाम करने की कोशिश करते हैं उनका मुंह बंद हो जाए। इस दौरान केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी, संगठन महामंत्री धर्मपाल और बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया मौजूद रहे।