KNEWS DESK- महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महा विकास अघाड़ी (एमवीए) को करारी हार का सामना करना पड़ा है। चुनावी नतीजों में महायुति (भा.ज.पा.-शिवसेना) गठबंधन को शानदार जीत हासिल हुई, जबकि एमवीए महज 46 सीटों पर सिमट गया। इस हार से नाराज एमवीए के नेताओं ने अब ईवीएम और वीवीपैट यूनिट्स से वोटों का मिलान कराने की योजना बनाई है।
पार्टी के नेताओं का आरोप है कि चुनावी परिणामों में गड़बड़ी हो सकती है, और वे चाहते हैं कि इन आरोपों की निष्पक्षता से जांच हो। एक महत्त्वपूर्ण बैठक में शिवसेना-यूबीटी के कई हारे हुए उम्मीदवारों ने पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे से इस मुद्दे पर चर्चा की। इन उम्मीदवारों का कहना था कि चुनाव परिणामों में कुछ असमानताएँ हो सकती हैं, विशेष रूप से ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) के कामकाज को लेकर।
मुंबई की चांदीवली सीट से हारने वाले कांग्रेस नेता आरिफ नसीम खान ने इस संबंध में अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, “हमने पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे से ईवीएम के बारे में चर्चा की। कई कार्यकर्ताओं ने ईवीएम में गड़बड़ी की आशंका जताई है। उनके अनुसार, नतीजों पर शंका व्यक्त की गई है, और ऐसे में हमें ईवीएम और वीवीपैट का मिलान करना जरूरी है।” खान का कहना था कि लोकतंत्र में यह सत्यापन आवश्यक है ताकि जनता का विश्वास कायम रहे।
शिवसेना के एक अन्य विधायक ने भी इस विषय पर चिंता जताते हुए कहा कि उन्होंने और अन्य उम्मीदवारों ने ईवीएम की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना था कि कई जगहों पर डाले गए वोट और गिने गए वोटों में अनबन दिखाई दी। यह स्थिति और भी संदिग्ध हो जाती है जब चुनावी परिणामों में इस तरह की विसंगतियाँ सामने आती हैं।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणामों में महायुति को 288 सीटों में से 230 सीटों पर जीत मिली, जबकि एमवीए महज 46 सीटों तक ही सीमित रह गया। इसमें शिवसेना-यूबीटी को 20, कांग्रेस को 16 और राकांपा (एसपी) को केवल 10 सीटें मिलीं। इस हार के बाद एमवीए नेताओं ने चुनावी प्रक्रिया में गड़बड़ी की संभावना जताते हुए ईवीएम-वीवीपैट मिलान की मांग उठाई है।
अब देखना यह है कि एमवीए के हारे हुए उम्मीदवारों का यह कदम चुनाव आयोग और अन्य संबंधित अधिकारियों द्वारा किस तरह से लिया जाएगा। क्या इस मिलान से सचमुच कुछ असामान्य स्थितियाँ सामने आएँगी, या फिर यह सिर्फ हार की खीज का परिणाम होगा, यह भविष्य ही बताएगा।
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