उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, केंद्र में आम बजट के बाद उत्तराखंड में भी इसी माह विधानसभा बजट सत्र आयोजन की तैयारियां तेज हो गई हैं। प्रदेश सरकार उत्तराखंड के बजट में क्या होना चाहिए इसके लिए तमाम वर्गों से राय मांग रही है। 9 फरवरी तक सभी लोगों से बजट के बारे सुझाव मांगे गए हैं। केंद्र के बजट से उत्तराखंड के बजट में भी इस बार बढ़ोत्तरी होने की पूरी उम्मीद है। उत्तराखंड में केंद्र की जल जीवन मिशन योजना को 2028 तक बढ़ाए जाने से प्रदेश में अधूरी पड़ी कई योजनाओं के लिए समय मिल गया है। प्रदेश के हितधारकों से सुझाव लिए जा रहे हैं। उद्यान, कृषि, उद्योग, शिक्षा, चिकित्सा आदि से संबंधित सुझाव मिल रहे हैं। वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के अनुसार उत्तराखंड के सर्वांगीण विकास के लिए यह बजट पेश किया जा रहा है। सबका साथ, सबका विकास और सबका प्रयास के मूल मंत्र के साथ इस बार प्रदेश का बजट पेश किया जाएगा। कहीं न कहीं यह प्रदेश का रजत जयंती वर्ष वाला बजट है। केंद्र की मोदी सरकार ने जिस तरह गरीब, युवा, किसान और महिला सशक्तिकरण पर फोकस किया है इसी तरह राज्य के बजट में भी वही छाप देखने को मिलेगी। बता दें कि 2024-25 में धामी सरकार ने 89 हजार 230 करोड़ रुपये का बजट पेश किया था। इस बार बजट में 10 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की संभावना जताई जा रही है। वहीं, विपक्ष भी समावेशी बजट होने की उम्मीद जता रहा है। स्थानीय उत्पादों को टैक्स फ्री करने के साथ ही राज्य के करों में कमी करने की मांग विपक्ष कर रहा है। किसानों के उत्पादों के विपणन के लिए प्रदेश को पड़ोसी राज्य हिमाचल से प्रेरणा लेने की बात कही जा रही है। साथ ही विपक्ष बजट सत्र के गैरसैंण में करवाने की शपथ लेने के बाद भी देहरादून में सत्र करवाने पर सवाल उठा रहा है। कांग्रेस के अनुसार उनकी सरकार ने इससे भी खराब व्यवस्था होने पर गैरसैंण में बजट सत्र करवाया।
उत्तराखंड में इसी फरवरी माह में बजट सत्र आयोजन की तैयारियां चल रही हैं। माना जा रहा है कि 17 फरवरी से देहरादून विधानसभा में बजट सत्र का आगाज हो जाएगा, हालांकि इसकी कोई आधिकारिक सूचना नहीं आई है, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने इसी माह दून में बजट सत्र होने की बात कही है। प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धाम के अनुसार इस वर्ष प्रदेश का बजट ऐतिहासिक होगा। सबका साथ सबका विकास को नए आयाम तक ले जाने के लिए तमाम पहलुओं का अध्ययन किया जा रहा है। जो भी राज्यवासियों के हित में उपयुक्त होगा उसे बजट में शामिल किया जाएगा। दूसरी ओर विपक्ष बजट सत्र के आयोजन को लेकर ही सवाल खड़ा कर रहा है। इसके साथ ही इस बार के बजट में प्रदेश को हिमाचल की तर्ज पर स्थानीय हस्तशिल्प और उत्पादों की विपणन व्यवस्था करने, राज्य करों में कमी करने, पर्यटन की दृष्टि से, आपदा, पर्यावरण की दृष्टि से बजट में व्यवस्था के साथ ही हर वर्ग के लिए कुछ न कुछ इस बार के बजट में किया जाना चाहिए।
केंद्रीय बजट के बाद अब धामी सरकार भी राज्य के बजट की तैयारियो में जुट गई है। जिस तरह से केंद्र के आम बजट में पर्यटन को बढ़ावा देने की बात कही गई है, उससे कहीं न कहीं उत्तराखंड को भी फायदा मिलने की उम्मीद है। राज्य के बजट में केंद्र की झलक भी देखने को मिलेगी इसके तहत केंद्र की मोदी सरकार ने जिस प्रकार गरीब, युवा, किसान और महिला सशक्तीकरण पर फोकस किया है। प्रदेश की धामी की सरकार का बजट भी इन चार बिंदुओं पर केंद्रित रहेगा। इसके साथ ही राज्य गठन का रजत जयंती वर्ष होने की वजह से इस वर्ष का बजट कई मायनों में खास रहने वाला है। वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के अनुसार राज्य का बजट जनकल्याण की अवधारणा पर आधारित होगा। सभी वर्गों से सुझाव आमंत्रित किए जा रहे हैं। 31 जनवरी को विभिन्न क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व कर रहे लोगों से संवाद किया गया है। विपक्ष व उक्रांद के अनुसार प्रदेश में पलायन, बेरोजगारी, गृहणियों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए बजट पेश किया जाना चाहिए। इसके साथ ही लघु उद्योगों को कैसे पहाड़ पर प्रोत्साहन मिले इस पर भी फोकस बजट में हो और प्रदेश में आए दिन हो रही सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए परिवहन व्यवस्था को सुधारने की बात भी प्रमुखता से हो। वहीं, भाजपा के अनुसार जिस तरह से केंद्र की भाजपा सरकार ने इस बार बहुत अच्छा बजट पेश किया। इस बार मध्यम वर्ग पर फोकस किया गया है, उसी तरह आम जनता की मांगों के अनुसार ही इस बार प्रदेश का बजट भी होगा।
कहीं न कहीं उत्तराखंड में बजट सत्र की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। गैरसैंण में व्यवस्थाएं चाक-चौबंद न होने के कारण इस बार का बजट सत्र देहरादून विधानसभा भवन में ही होने जा रहा है। माना जा रहा है कि इस माह के मध्य में बजट सत्र देहरादून में आयोजित हो सकता है। वहीं, विपक्ष पहले तो बजट सत्र के आयोजन के लिए तमाम सवाल खड़े करने लगा है। कांग्रेस के अनुसार उनकी सरकार में इससे भी कम सुविधाएं होने पर भी गैरसैंण में विधानसभा का बजट सत्र किया गया था। अब विधानसभा अध्यक्ष कह रही हैं कि वहां साउंड ईको होती है, इसलिए सत्र नहीं करवाया जा रहा है। फिलहाल प्रदेश सरकार बजट सत्र देहरादून में करवाने जा रही है। बजट के लिए तमाम वर्गों और हितधारकों से राय ली जा रही है। 9 फरवरी तक जो भी सुझाव प्रदेश सरकार को मिलेंगे, उनके बजट में समाहित करने की बात कही जा रही है। कहीं न कहीं यह प्रदेश का रजत जयंती वर्ष वाला बजट है जो अपने आप में खास होने की उम्मीद जताई जा रही है।