टनल निर्माण में हो वैज्ञानिक दृष्टिकोण : नितिन गडकरी

देहरादून,  उत्तराखण्ड हिमालयी राज्य है, इसकी संवेदनशीलता को देखते हुए टनल के निर्माण में वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने जरूरी है। साथ ही सुरंगों के डिजाइन, निर्माण और संचालन में नयी वैज्ञानिक तकनीकी का भी समावेश आवश्यक है। केन्द्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने एक सेमिनार के दौरान ये बाते कहीं। उन्होने कहा कि उत्तराखण्ड ऑल वेदर रोड के निर्माण के साथ टनल एक महत्वपूर्ण विकल्प है। बीते बुधवार को डीआइटी विश्वविद्यालय में एक सेमिनार में उन्होने यह बात कही यह बात रिकॉर्डड संदेश के माध्यम से कही गयी यह अंतराष्ट्रीय सेमिनार राजमार्ग निर्माण में सुरंगो के डिजाइन के विषय पर था। उन्होंने यह भी श्रीनगर लेह राष्ट्रीय राजमार्ग का उदाहरण देते हुए कहा कि भारी बर्फबारी होने के चलते पहले ये राजमार्ग कई महिनो तक बंद रहता था। लेकिन तीन हजार मीटर से भी ज्यादा ऊंचाई पर होने के साथ जब इस राजमार्ग पर टनल का निर्माण करवाया गया तो अब इस राजमार्ग पर वर्षभर आवाजाही जारी रहती है। साथ ही उन्होंने कहा कि यह सेमिनार उत्तराखंड के परिप्रेक्ष्य में महत्वपूर्ण है। सेमिनार में मुख्य अतिथि के तौर पर सड़क परिवहन राजमार्ग एवं नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह ने भी कहा कि हिमालयी राज्य समेत उत्तराखण्ड में टनल निर्माण हाल ही में शुरू हुआ है जबकि कई ऐसे छोटे देश है जहां यह काफी पहले शुरू हो चुकी है।

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