देहरादून, भाजपा आज 43 साल की हो गई। 6 अप्रैल 1980 को जब ये पौधा रोपा गया था, तो लगा नहीं था कि अपने शुरुआती स्वरूप जनसंघ से भी कई गुना बड़ा पेड़ लगेगा। इतना बड़ा कि बाकी पेड़ इसके आगे बौने या पौधे लगेंगे। ऐसे में 2 सांसदों की पार्टी से लेकर विश्व की सबसे बड़ी पार्टी बनने तक का भाजपा ये सफर आसान नहीं था…… आज से ठीक 43 साल पहले जब देश में कांग्रेस के सत्ता सूर्य का ताप उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम तक फैला हुआ था, तब 6 अप्रैल 1980 को अटल-आडवाणी ने जनसंघ से आगे बढ़कर बीजेपी के रूप में सियासत का नया कमल खिलाया था। शायद ही तब अटल बिहारी वाजपेई और लालकृष्ण आडवाणी ने कल्पना की हो कि अपनी स्थापना के महज चार दशक पूरे करने से पहले ही यह दल देश ही नहीं बल्कि विश्व की भी सबसे बड़ी पार्टी में से एक बन गई है। आज भाजपा अधिकांश राज्यों में जीत की गारंटी बन गई है….और विपक्ष कही भी दूर दूर तक भाजपा के सामने नहीं टिक पा रहा है।
छह अप्रैल 1980 को जन्मी भारतीय जनता पार्टी आज अपना 44वां स्थापना दिवस मना रही है। भाजपा इस मौके को पूरे देशभर में धूमधाम से मना रही है। देवभूमि उत्तराखंड में भी भाजपा ने अपने स्थापना दिवस को बूथ स्तर तक मनाया….मुख्यमंत्री धामी ने पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं को भी नमन किया जिसकी बतौदल आज भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बन गई है। वहीं बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि पार्टी का लक्ष्य है कि समाज के हर वर्ग को पार्टी से जोड़ा जाए इसको लेकर पार्टी कार्य कर रही है विकल्प रहित संकल्प की दिशा में पार्टी कार्य कर रही है..
बता दें कि 6 अप्रैल, 1980 को भाजपा ने अपनी स्थापना के बाद से अबतक लंबा सफर तया किया है. इसके साथ ही वह देश में सबसे ज्यादा सांसदों, विधायकों और पार्षदों के साथ दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी के रूप में उभरी है. बीजेपी ने महज दो लोकसभा सीटों से अपना सफर शुरू किया और 2019 वह 303 सीटों पर पहुंच गई….जबकि कांग्रेस 2019 में 52 सीटों पर ही सिमट गई…….लगातार कांग्रेस अपने जनाधार को खोती हुई नजर आ रही है। वहीं विपक्षी दलों का तर्क है कि भाजपा के राज में देश और प्रदेश की बुरी स्थिति है और भाजपा अपने लक्ष्य से भटक गई है। भाजपा को जश्न नहीं बल्कि आत्मअवलोकन करना चाहिए
कुल मिलाकर भाजपा ने अपने 43 साल पूरे कर लिए हैं और निश्चित ही भाजपा के लिए यह दिन जश्न का मौका है। भाजपा विकल्प रहित संकल्प को साकार करने की कोशिश में लगी हुई है। जबकि विपक्ष पूरी ताकत के साथ भाजपा का मुकाबला करने में लगा हुआ है जिसमें उसे फिल्हाल जीत मिलती हुई नजर नहीं आ रही है। ऐसे में सवाल ये है कि क्या भाजपा विकल्प रहित संकल्प को पूरा कर पाएगी, क्या देश में सिर्फ भाजपा ही एकमात्र विकल्प बचेगा, क्या 2024 में एक बार फिर मोदी मैजिक काम करेगा…..क्या भाजपा की सबसे बड़ी ताकत धर्म की राजनीति है या फिर विकास की राजनीति भाजपा को आगे बढ़ा रही है