काशीपुर दावेदारों की लम्बी फेहरिस्त से हाईकमान के सामने कई संकट

काशीपुर विधानसभा सीट जिसपर भाजपा का पिछले लम्बे समय से कब्जा है, और कब्जा भी ऐसा की इस सीट पर भाजपा हमेशा अपनी जीत पक्की मानती है । लेकिन इस सीट पर जिसने भाजपा को चार बार से जीत का स्वाद चखाया है, वो हरभजन सिंह चीमा अब राजनीतिक संन्यास लेकर अपने बेटे को अगला टिकट का बारिश घोषित कर चुके है, और पार्टी हाईकमान से टिकट की मांग कर रहे हैं, हरभजन सिंह के राजनीतिक संन्यास से जहां पार्टी की लम्बे समय से सेवा करने वालों को टिकट की उम्मीद जगी थी। वहीं चीमा के बेटे को अगला टिकट का वारिश बनाकर भाजपा में दावेदारों में घमासान छिड़ गया है, कोई पैरासुट दावेदारी पर जनता के बीच अपना चेहरा चमका रहा है, तो कोई राजा का बेटा ही राजा होगा, इस परम्परा को बढा रहा है, वहीं कुछ दावेदार एसे है जो पार्टी की सेवा करते हुए बाल सफेद तो कर चुके हैं, लेकिन पार्टी आज भी उनकी निष्ठा को नजर अंदाज करके बैठी है, जबकि काशीपुर से दावेदारों की लम्बी फेहरिस्त से हाईकमान के सामने कई संकट खडे हो रहे हैं, वहीं पार्टी में ही अंदरुनी गुटबाजी का बीज भी पनपने लगा है।

काशीपुर सीट पर दावेदारी का घमासान सिर्फ भाजपा में ही नहीं बल्कि कांग्रेस में भी है, लेकिन पुत्र मोह का जो दांव भाजपा विधायक हरभजन सिंह ने खेला है उससे काशीपुर सीट पर भाजपा में दावेदारों का घमासान छिड़ गया है, भाजपा विधायक के बेटे को टिकट का दावेदार बताने के बाद कांग्रेस और आम आदमी पार्टी जमकर भाजपा के खिलाफ बयानबाजी कर रही है, जिससे भाजपा में हड़कंप मचा हुआ है।

भाजपा में मचे टिकट के घमासान से पार्टी हाईकमान के सामने दावेदार का चयन करना बड़ी चुनौती बन गया है, एक तरफ विधायक पुत्र की दावेदारी से अन्य भाजपा नेताओं का हाजमा खराब हो रहा है, तो दूसरी ओर पार्टी में पकड़ और मंत्री की नजदीकी से टिकट की दौड़ में बढ़ रहे बलराज पासी के जनसम्पर्क से खलबली मची हुई है, वहीं निष्ठावान भाजपाई एसे में दावेदारी का दम तो भर रहे हैं लेकिन खुद को ठगा भी महसूश कर रहे है, देखना होगा कि आखिर किसकी झोली में भाजपा का टिकट गिरता है, और प्रमोट किये गये चेहरे को मौका मिलता है या फिर कर्मठ कार्यकर्ता को हाईकमान तवज्जो देता है।

 

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