योगी सरकार तबादलों और तैनाती में करती है भेदभाव- अखिलेश यादव

KNEWS DESK- यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर विभागों में तैनाती और तबादला नीति पर सवाल खड़ा करते  हुए बड़ा बयान रविवार को प्रयागराज में दिया। अखिलेश यादव ने तैनाती और तबादला नीति पर प्रश्नचिह्न लगाते हुए कहा कि प्रदेश सरकार अधिकारियों की तैनाती और तबादलों में भेदभाव करती है। अखिलेश यादव ने उदाहरण देते हुए मैनपुरी और आगरा में तैनात थाना प्रभारियों की संख्या बताते हुए कहा कि आगरा में 48 थाना प्रभारी हैं, उनमें से पीडीए (पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक) 15 हैं, बाकी सब सिंह भाई लोग हैं। वहीं मैनुरी का जिक्र करते हुए कहा कि मैनपुरी में कुल 15 थानाध्यक्षों में पीडीए तीन और सिंह भाई लोग 10 हैं। इसी तरह, चित्रकूट में कुल 10 थानेदारों में पीडीए के दो और सिंह भाई लोग पांच हैं। महोबा में 11 थानाध्यक्षों में, पीडीए के तीन और सिंह भाई लोग छह हैं।

भाजपा ने ही मांस फेंकवाकर दंगा करवाया

अखिलेश यादव ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि कन्नौज में जो दंगा हुआ वो एक सुनियोजित दंगा था। भाजपा ने एक गरीब आदमी को पैसे का लालच देकर मंदिर में  मांस फेंकने के लिए कहा। गरीब आदमी ने डर की वजह से ये काम करने से मना कर दिया, जिसके बाद भाजपा के लोग खुद उसके साथ गए और मंदिर में मांस फेंका। इस घटना के बाद वहां बड़ा दंगा हुआ। अखिलेश यादव ने कहा कि जब हमने जांच कराई तो मामले में बीजेपी के 17 नेता रासुका के तहत जेल गए। जहां भी इस तरह की घटना होती है, बीजेपी के लोग ही लिप्त पाए जाते हैं

बांटो और शासन करो के सिद्धांत पर चल रही है भाजपा

अखिलेश यादव ने बीजेपी सरकार पर बांटों और राज करो की नीति का अनुसरण करने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह पार्टी कभी धर्म के नाम पर तो कभी जाति के नाम पर बांटने का काम करती रही है। पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा को लेकर उन्होंने दावा किया, दंगा कराने के पीछे किसी का हाथ होता है तो वह बीजेपी के लोगों का ही होता है।

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