जनता में विश्वास है कि आपदा आई है तो राहत भी आएगी- योगी

मनीष श्रीवास्तव, ब्यूरो चीफ लखनऊ, केन्यूज़ इंडिया

लखनऊ-  यूपी देश की सबसे बड़ी आबादी वाला राज्य है। स्वाभाविक रूप से बड़े क्षेत्रफल का राज्य होने के चलते चुनौती भी बड़ी है। प्रदेश में कभी 40 जिले बाढ़ प्रभावित माने जाते थे, आज हमने इस खतरे को 4-5 जिलों में समेटने का काम किया है। आज अगर कहीं आपदा आती है तो लोगों को ये विश्वास रहता है कि सरकार की ओर से राहत भी आ रही होगी। ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) के नए भवन के शिलान्यास कार्यक्रम के दौरान कही। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी 75 जनपदों में आपदा मित्रों की बात कहते हुए अच्छा कार्य करने वालों को व्यवस्था के साथ जोड़ते हुए उचित मानदेय देने के लिए भी राजस्व विभाग को कहा।

यूपी में 9 प्रकार के क्लाइमेट जोन

66.40 करोड़ की लागत से डेढ़ एकड़ में बनने जा रहे पांच मंजिला भव्य इमारत के शिलान्यास के दौरान मुख्यमंत्री ने तकनीकी के माध्यम से प्रदेश में आपदा प्रबंधन और जनजागरूकता को आगे बढ़ाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में 9 प्रकार के क्लाइमेटिक जोन हैं। यहां आपदा की आशंका हमेशा बनी रहती है। यूपी की सीमा नेपाल, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, दिल्ली, मध्य प्रदेश, झारखंड से मिलती है। यहां हिमालय से आने वाली नदियों के कारण बाढ़ का खतरा जुलाई से अक्टूबर तक बना रहता है। विंध्य और बुंदेलखंड में आकाशीय बिजली का खतरा है तो पश्चिमी यूपी भूकंप के अति संवेदनशील जोन में से एक है।

सभी जिलों में लगाया जा रहा आकाशीय बिजली से अलर्ट का सिस्टम

मुख्यमंत्री ने बताया कि यूपी पहला राज्य है जहां आपदा से निपटने के लिए बहुत सी श्रेणियों को आपदा प्रबंधन के दायरे में लाकर राहत देने का कार्य किया गया है। इनमें मानव वन्यजीव संघर्ष भी एक है। इसके अलावा आकाशीय बिजली से अलर्ट करने के लिए अर्ली वार्निंग सिस्टम प्रदेश के सभी जिलों में लगाने का काम हो रहा है। रेन गेज सिस्टम हर ग्रामसभा में लगाने जैसे अनेक कदम उठाए जा रहे हैं। प्रदेश सरकार ने 2017 में एसडीआरएफ की तीन बटालियन का गठन किया था। आज इसके पास अपना मुख्यालय और उपकरण है। प्रदेश में हर आपदा को न्यूनतम स्तर पर पहुंचाने के लिए डबल इंजन की सरकार निरंतर कार्य कर रही है। इसी कार्य को आगे बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ने एसडीएमए के लिए भवन बनाने के कार्य का आज शिलान्यस किया है। ये भवन यूपी में आपदा प्रबंधन की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा।

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