उत्तरप्रदेश : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा – ब्लड डोनेशन के बारे में करना होगा जागरुक

KNEWSDESK- उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को लखनऊ में ट्रांसकॉन – 2023 के 48 वार्षिक राष्ट्रीय सम्मेलन में पहुंचे थे। इस सम्मेलन को यूपी चैप्टर आईएसबीटीआई तथा ब्लड ट्रान्सफ्यूजन एण्ड इम्यूनोहिमाटोलॉजी विभाग , किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय ने आयोजित किया था। इस दौरान उन्होंने  ब्लड ट्रांसफ्यूजन के फील्ड में काम करने वाले सभी विशेषज्ञों और स्टेक होल्डर के लिए एक मील का पत्थर बताया और कोरोना कालखंड के दौरान हेल्थ वर्कर्स की भूमिका का जिक्र किया। इसके बाद डॉक्टरों से  ब्लड डोनेशन के बारे में जागरुकता फैलाने को कहा।

मुख्यमंत्री योगी ने कोरोना काल के बारे में बात करते हुए कहा कि  , कोरोना काल में आधे प्रदेश में आईसीयू के एक भी बेड नहीं थे , लेकिन प्रयास से सभी जनपदों में कमी को पूरा किया गया। इसके बाद विशेषज्ञ , पैरामेडिकल , नर्सिग स्टाफ और टेक्नीशियन की कमी सामने आने लगी। इस पर ट्रेनिंग शुरू की गयी और के जीएमयू , एसजीपीजीआई ने पूरे प्रदेश में वर्चुअल आईसीयू का संचालन किया। इससे कोरोनों को हराने में काफी मदद मिली । इस दौरान फ्रंटलाइन वर्कर भी मजबूती के साथ खड़े रहे ।इससे प्रदेश में मृत्यु दर को न्यूनतम रखने के साथ संक्रमण के फैलाव को रोकने में काफी हद तक सफलता मिली , और आगे कहा कि  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में पूरे देश ने टेक्नोलॉजी के प्रयोग से कोरोना को मात दी  भारत की 140 करोड़ की आबादी की तुलना में USA की आबादी एक चौथाई है , लेकिन कोविड प्रबंधन में वह पूरी तरह फेल रहा ,जबकि भारत में USA के मुकाबले संक्रमण और मृत्यु की दर काफी कम थी ।

हेल्थ के क्षेत्र में टेक्नोलॉजी के आदान – प्रदान में बड़ी भूमिका 

कोरोना कालखंड में एक – एक व्यत्ति की जान बचाना सरकार की प्राथमिकता थी इस दौरान चिकित्सकों और हेल्थ वर्कर्स ने प्रतिबद्धता के साथ काम किया और हमने कोरोना को हराया । केंद्र और राज्य की सरकार स्वास्थ्य के क्षेत्र में क्या नया हुआ है इसे देश में लाने का प्रयास कर रही है। ऐसे में इस तरह के राष्ट्रीय सम्मेलन हेल्थ के क्षेत्र में टेक्नोलॉजी के आदान – प्रदान में बड़ी भूमिका निभाते हैं।

टेक्नोलॉजी के आदान – प्रदान से बहुत सशक्त माध्यम

मुख्यमंत्री ने कहा कि सम्मेलन टेक्नोलॉजी के आदान – प्रदान से बहुत सशक्त माध्यम बनते हैं। डॉक्टर की बात पब्लिक तन्मयता से सुनती है। ऐसे में उन्हे ब्लड डोनेशन के बारे में जागरुक करना होगा।  इसके लिए गांव के स्कूलों में कॉन्फेंस का आयोजन होना चाहिये। विश्वकर्मा जयंती और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन 17 सितंबर से लेकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती 2 अक्टूबर के बीच में सेवा पखवाड़ा का कार्यक्रम चलाया गया, इसमें हर जनपद में ब्लड डोनेशन कार्यक्रम का आयोजन किया गया , जिसमें प्रदेश में 25000 यूनिट ब्लड कलेक्ट हुआ। इसके कई गुना लोगों ने ब्लड ग्रुप की जांच करवाई। इस दौरान लोगों ने अपने रेयर ग्रुप के ब्लड को सुरक्षित  कराया । इस प्रकार के कार्यक्रम होते रहने चाहिये।

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