उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट , उत्तराखंड में होने वाले हर चुनाव में बीजेपी की मुख्य टक्कर कांग्रेस से ही है. हालांकि अभी तक बीजेपी हाईटेक प्रचार कर रही है. लेकिन अब इस मामले में कांग्रेस भी पीछे नहीं है और उसने भी अपनी टीम को मजबूत कर लिया है. ताकि अपनी बात को वह गांव-गांव तक पहुंचा पाए असल में इंटरनेट मीडिया के इस्तेमाल के लिए बीजेपी सबसे आगी थी. लेकिन अब कांग्रेस भी इस मामले में मैदान में उतर आई है और कांग्रेस आक्रामक तरीके से हाईटेक प्रचार कर रही है. सोशल मीडिया ऑफिशियल पेज के मामले में कांग्रेस बीजेपी से एक लाख से अधिक सब्सक्राइब और लाइक के साथ फिलहाल आगे चलने का दावा कर रही है। कांग्रेस के सोशल मीडिया प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि भाजपा जहां सोशल मीडिया पर लाखों रुपए खर्च करके अपनी ब्रांडिंग करती है तो वही कांग्रेस सीमित संसाधन में ही भाजपा से आगे है।साथ ही कांग्रेस कमेटी द्वारा आगामी 30 अप्रैल को हजारों कांग्रेस कार्यकर्ताओ के साथ विशाल संविधान बचाओ रैली आयोजित कर केंद्र व राज्य की भाजपा सरकारों के संविधान विरोधी रवैये व जन विरोधी नीतियों के खिलाफ हुंकार भरेंगे।कांग्रेस को उम्मीद है इसके बाद सोशल मीडिया के माध्यम से इस अकड़े को और बढ़ने का भी प्रयास किया जायेगा। उन्होंने सोशल मीडिया साइट फेसबुक पेज का उदाहरण देते हुए बताया कि भाजपा के पेज से अधिक उनके फॉलोअर्स हैं।
देशभर में राजनीतिक पार्टियां चुनाव में सोशल मीडिया का खूब प्रयोग कर रही हैं. इतना ही नहीं मौजूदा समय में तो अगर आपके अच्छे खासे फॉलोअर्स हैं तो ही आप एक अच्छे नेता माने जाते हैं सोशल मीडिया पर एक लंबा चौड़ा परिवार जोड़ने वाली पार्टी अक्सर अपनी बात जनता तक आसानी से पहुंच देते हैं. मौजूदा समय में लोकसभा चुनाव में भी उत्तराखंड की पांच लोकसभा सीटों पर राजनीतिक पार्टियां सोशल मीडिया का प्रयोग कर रही थी। वह बात अलग है कि ऐसे समय में लोगों तक अपनी बात पहुंचाने के लिए राजनीतिक पार्टियों ने और चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों ने अलग से लोगों को रखा हुआ है. वहीं कई ऐसे नेता हैं जिनके चाहने वाले सोशल मीडिया पर मिलियन में हैं। आज कल नेता की पॉपुलैरिटी का अंदाजा सोशल मीडिया से भी लगने लगा है. यही कारण है कि चुनावों में नेता सोशल मीडिया का भी खूब इस्तेमाल कर रहे हैं. चुनाव जीतने के लिए भी उम्मीदवार सोशल मीडिया पर अपनी बात रख रहे हैं। कब और कहां पर उनकी जनसभा होगी नेता के कार्यक्रम में कितनी भीड़ आई ये सब जानकारी नेता अपने अलग-अलग सोशल मीडिया के प्लेटफार्म पर डालते रहते हैं. कुल मिलाकर कहा जाए तो पार्टी सोशल मीडिया के सहारे छवि चमकाने में लगी रहती हैं। आज के समय में सोशल मीडिया की क्या अहमियत है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि कुछ पार्टियों ने तो बाकायदा अपने उम्मीदवारों को चमकाने के लिए अलग से सोशल मीडिया सेल भी बना रखा है. वहीं कुछ प्रत्याशी खुद ही अलग से टीम हायर करके अपनी सोशल मीडिया पर रीच बढ़ा रहे हैं और जनता तक पहुंचने का प्रयास कर रहे हैं। वही कांग्रेस सोशल मीडिया के प्रदेश अध्यक्ष विकास नेगी ने भाजपा सरकार की तमाम नाकामियों को गिनाया और कहा कि आने वाले समय में प्रदेश में कांग्रेस मजबूती के साथ अपनी बात रख सरकार बनाएगी और भाजपा से लोगों का मोह भंग होता जा रहा है।
इंटरनेट मीडिया के मोर्चे पर लड़ी जा रही लड़ाई के लिए कांग्रेस ने अपनी बात को आसान शब्दों में जनता तक पहुंचाने के लिए अपनी टीम में फोटोग्राफर, कंटेंट राइटर से लेकर वीडियो एडिटर को नियुक्त किया हुआ है. जो बेहतरीन कंटेंट डेवलप कर रही है और बीजेपी सरकार की नीतियों को टैक्स और वीडियो के जरिए पहुंचा रही है. असल में कांग्रेस जानती है कि राज्य के दूर दराज के गांवों में जाना संभव नहीं है वहां सोशल मीडिया और इंटरनेट मीडिया के जरिए आसानी से बात पहुंचाई जा सकती है. वहीं वाट्सएप से जुड़े कार्यकर्ता बूथ स्तर तक पुल की भूमिका निभा रहे हैं।
उत्तराखंड सहित केंद्र में चाहे सरकार भाजपा की हो, लेकिन सोशल मीडिया पर ऑफिशियल पेज के मामले में कांग्रेस बीजेपी से एक लाख से अधिक सब्सक्राइबर और लाइक के साथ फिलहाल आगे चल रही है।कांग्रेस का दावा है जल्द ही कांग्रेस आने वाले समय में प्रदेश में कांग्रेस मजबूती के साथ अपनी सरकार बनाएगी। बरहाल देखना होगा दोनों राष्ट्रीय पार्टियों की सोशल मीडिया होड़ का जनता आने वाले समय में भी वोटो में तब्दील करेगी। या ये सिर्फ सोशल मीडिया की लड़ाई ही साबित होगा।