निकाय की बारी, चुनाव की तैयारी !

उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव के बाद अब निकाय चुनाव की तैयारी शुरू हो गई है। इसी कड़ी में धामी सरकार ने नगर निकाय क्षेत्रों में ओबीसी की स्थिति के संबंध में एकल समर्पित वर्मा आयोग से 27 जनवरी से पहले रिपोर्ट उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है। इसके आधार पर ही निकायों में ओबीसी के लिए आरक्षण तय किया जाना है। वहीं आयोग ने कुल 102 नगर निकायों में से 95 नगर निकायों की रिपोर्ट को अंतिम रूप दे दिया है। आयोग जल्द ही अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंपेगा। माना जा रहा है कि इसके बाद अगले माह निकायों में ओबीसी आरक्षण का निर्धारण कर दिया जाएगा। बता दें कि उत्तराखंड में तीन निकायों जिसमे बद्रीनाथकेदारनाथ व गंगोत्री में चुनाव नहीं होते हैजबकि कीर्तिनगरनरेंद्र नगररुदप्रयाग व हरबर्टपुर के परिसीमन को अभी अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है। बताया जा रहा है कि शेष रह गए चार निकायों के परिसीमन की प्रक्रिया पूरी होते ही इनमें भी ओबीसी की वास्तविक स्थिति की रिपोर्ट सरकार को सौंपी जाएगी। आपको बता दें कि उत्तराखंड में सौ नगर निकायों का पांच वर्ष का कार्यकाल पिछले साल दो दिसंबर को खत्म होने के बाद इन्हें प्रशासकों के हवाले कर दिया गया था। इसी बीच समय पर नगर निकाय चुनाव न होने का मामला हाईकोर्ट पहुंचा। वहीं कोर्ट ने छह माह के भीतर चुनाव कराने के आदेश दिए हैं। इसे देखते हुए सरकार अब निकाय चुनाव के लिए सक्रिय हो गई है। हांलाकि कांग्रेस की आशंका है कि समय पर निकाय चुनाव नहीं हो पाएंगे क्योंकि सरकार ने आरक्षण समेत तमाम जरूरी कार्यों को पूरा नहीं किया है। सवाल ये है कि क्या निकाय चुनाव समय पर होंगे, आखिर क्यों कांग्रेस को निकाय चुनाव समय पर ना होने की आशंका है  देखिए    

 

देवभूमि उत्तराखंड की पांच लोकसभा सीटों में पहले चरण में हुए मतदान के बाद अब धामी सरकार निकाय चुनाव की तैयारियों में जुट गई है। धामी सरकार ने नगर निकाय क्षेत्रों में ओबीसी की स्थिति के संबंध में एकल समर्पित वर्मा आयोग से 27 जनवरी से पहले रिपोर्ट उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है। वहीं नैनीताल हाईकोर्ट में नगर निकायों के चुनाव कराने के मामले में दायर जनहित याचिका पर सरकार की ओर से महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर ने कहा कि नगर निकायों में प्रशासकों का कार्यकाल नहीं बढ़ाया जाएगा। चुनाव समय के भीतर हो जाएंगे। आपको बता दें कि उत्तराखंड में सौ नगर निकायों का पांच वर्ष का कार्यकाल पिछले साल दो दिसंबर को खत्म होने के बाद इन्हें प्रशासकों के हवाले कर दिया गया था। इसी बीच समय पर नगर निकाय चुनाव न होने का मामला हाईकोर्ट पहुंचा। वहीं कोर्ट ने छह माह के भीतर चुनाव कराने के आदेश दिए हैं। वहीं शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल का कहना है कि सरकार की मंशा चुनाव कराने की है। इस संबंध में जरूरी प्रक्रिया चल रही है।

आपको बता दें कि उत्तराखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के क्रम में निकाय क्षेत्रों में ओबीसी की वास्तविक स्थिति के मद्देनजर नैनीताल हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज बीएस वर्मा की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की थी. जानकारी के मुताबिक आयोग ने कुल 102 नगर निकायों में से 95 नगर निकायों की रिपोर्ट को अंतिम रूप दे दिया है। आयोग जल्द ही अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंपेगा। वहीं सत्ताधारी दलों ने भी निकाय चुनाव को लेकर तैयारी शुरू कर दी है। एक तरफ भाजपा जहां निकाय चुनाव के लिए तैयारी कर रही है तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस को आशंका है कि समय पर निकाय चुनाव नहीं हो पाएंगे. क्योंकि सरकार ने आरक्षण समेत तमाम जरूरी कार्यों को पूरा नहीं किया है।

कुल मिलाकर लोकसभा चुनाव के बाद अब राज्य में निकाय चुनाव की तैयारी शुरू हो गई है। धामी सरकार ने हाईकोर्ट में जहां समय पर निकाय चुनाव कराने का शपथ पत्र दिया है। साथ ही नगर निकायों में प्रशासकों का कार्यकाल भी नहीं बढ़ाने की बात कही है…तो ऐसे में सवाल ये है कि आखिर कांग्रेस को सरकार की मंशा पर क्यों संशय है। आखिर क्यों सरकार ने समय रहते निकाय चुनाव नहीं कराए

 

 

 

About Post Author

Leave a Reply

Your email address will not be published.