राष्ट्रपति मुर्मू का पहला संबोधन ; गरीब के सपने व बेटियों का सामर्थ्य

राष्ट्रपति पद पर विजय व शपत  ग्रहण समारोह के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्र के नाम अपना पहला संबोधन दिया जिसमें उन्होंने सभी सांसदों और विधानसभा सदस्यों  का  आभार व्यक्त किया  जिनका मत करोड़ों नागरिकों की विश्वास कि  अभिव्यक्ति है उन्होंने  संबोधन में कहा   मै देश  की पहली ऐसी राष्ट्रपति हु जिसका जन्म आजाद भारत में हुआ है इस प्रगतिशील भारत का नेतृत्व करते हुए मै बेहद गर्व के साथ खड़ी हू
* यह भारतवर्ष की महानता है ;
राष्ट्रपति मुर्मू ने सभी को याद दिलाते हुए कहा की ये तो हमारे देश की महानता है आज मै एक जनजातीय समाज की नारी जो  कभी वार्ड काउंसलर थी से लेकर राष्ट्रपति बनने का अवसर प्राप्त हुआ ये हमारे भारतवर्ष की महानता है  जिसने दूर सुदूर आदिवासी क्षेत्र में पैदा हुई बेटी को सर्वोच्च संवैधानिक पद पर बिठाया है
* मेरा निर्वाचन सपने देखने का सबूत ;
राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने संबोधन  में ढेरों सपने देखने की बात कही उन्होंने कहा मेरा निर्वाचित होना इस बात की मिसाल पेश करता है की भारत में गरीब भी  सपने देख सकेगा और उन सपनों को हकीकत में साकार करेगा उन्होंने कहा बहुत संतोष हुया देखकर की जो सदियों से विकास के नाम से तक दूर रहे जिन्होंने पूरा जीवन गरीबी में व्यतीत किया आज  वो आदिवासी जनजाति मुझमे अपना प्रतिबिंब देख रहे है
* तेज गति से करेंगे काम ;
राष्ट्रपति मुर्मू  ने  कहा देश ने मुझे एक ऐसे महत्वपूर्ण कालखंड मे चुना है जब भारतवर्ष आजादी के 75 साल मना रहा है  इस अमृतकाल में हमे  तेज गति से काम करना है सबके प्रयास व सबके कर्तव्य के साथ
*  सेनानियों को किया याद :
संबोधन के दौरान राष्ट्रपति मुर्मू ने स्वतंत्रता सेनानियों को याद किया साथ ही साथ स्वतंत्रता संग्राम में आदिवासी योगदान को भी याद किया

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