उत्तर प्रदेश: मुख्तार मौत मामले में FIR की मांग कोर्ट ने की खारिज, वकील बोले- हम लेंगे हाईकोर्ट की शरण, 8 अप्रैल को होगी अगली सुनवाई

रिपोर्ट- मो0 रज़ी सिद्दीकी

बाराबंकी – माफिया मुख्तार अंसारी के वकील की ओर से उनकी हत्या किए जाने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराने के लिए बाराबंकी कोर्ट में दिए गए प्रार्थना पत्र पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने मामला दर्ज नहीं किए जाने को लेकर एक आपत्ति पत्र दाखिल किया। जबकि मुख्तार के वकील ने उसकी मौत मामले में राज्य सरकार की और से दो तरह के बयान आने पर कोर्ट में अपनी बात रखते हुए एफआईआर दर्ज करने की मांग की। वहीं कोर्ट ने अभियोजन और बचाव पक्षों की बहस सुनने के बाद मुख्तार अंसारी के वकील की और से दिए गए प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया।

प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने के प्रार्थना पत्र को किया खारिज

आपको बता दें कि मुख्तारी अंसारी के वकील रणधीर सिंह सुमन ने बताया कि अपर सत्र न्यायाधीश विशेष कोर्ट एमपीएमएलए कमलकांत श्रीवास्तव ने मौत मामले में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने के प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया है। ऐसे में हम लोगों ने न्याय के लिये उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने कहा कि लोवर कोर्ट के अधिकार सीमित होने के चलते हमारी सुनवाई ठीक से नहीं हो सकी। जबकि हाईकोर्ट के असाधारण अधिकार के चलते हमे पूरा विश्वास है कि वहां हमारी याचिका पर सुनवाई जरूर होगी और मुख्तार अंसारी की रहस्यमई मौत मामले पर सरकार का जो ड्रामा चल रहा है, उसके खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने की हमारी मांग भी स्वीकार की जाएगी। जिससे इस मामले की पूरी जांच हो सके।

सीसीटीवी फुटेज संरक्षित किए जाने की मांग 

सरकारी वकील मथुरा प्रसाद वर्मा के मुताबिक एमपी एमएलए कोर्ट में मुख्तार अंसारी के खिलाफ गैंगेस्टर का मामला विचाराधीन है। उन्होंने बताया कि बीते 29 मार्च को मुख्तार अंसारी के अधिवक्ता रणधीर सिंह सुमन की और से कोर्ट को एक प्रार्थना पत्र देकर एफआईआर दर्ज किए जाने की मांग की गई थी। प्रार्थना पत्र के जरिये मांग की गई थी कि बांदा जिला कारागार के सभी सीसीटीवी फुटेज संरक्षित किए जाय तथा वाल कैमरा के फुटेज भी संरक्षित किए जायें। पेशी के दौरान इसी प्रार्थना पत्र पर सुनवाई हुई। जिसमें राज्य सरकार के वकील मथुरा प्रसाद वर्मा ने एफआईआर न दर्ज किए जाने की बात कहते हुए आपत्ति प्रार्थना पत्र दाखिल किया। कोर्ट ने अभियोजन और बचाव पक्ष की बहस सुनने के बाद साथ ही जेल की और से भेजे गए अभिलेखों के आधार पर बचाव पक्ष के प्रार्थना पत्र को निरस्त कर दिया। कोर्ट ने मामले में अगली सुनवाई की तारीख 8 अप्रैल लगाई है।

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