महिलाओं के 16 शृंगार खूबसूरती के साथ सेहत भी बढ़ाए

हमारी भारतीय संस्कृति बहुत भव्य है, सदियों से हमारे यहाँ कई एसी प्रथाएँ चलती आ रही है जो लोगों को बहुत आकर्षित करती है। आज हमारी भारतीय संस्कृति को पूरी दुनिया अपनाने की कोशिश कर रही है। सबसे ज्यादा जो लोगों को आकर्षित करता है वो है भारत का पहनवा और भारतीय महिलाओं का सोलह शृंगार । हमारे देश में कई भव्य कार्यक्रम, तीज और त्योहार होते रहते है जिसमें महिलायें अपना सोलह शृंगार करती है।

लेकिन भारत की हर प्रथा और मान्यता के पीछे हमेशा कोई ना कोई अच्छा कारण रहा है। वैसे ही भारतीय महिलाओं का सोलह शृंगार केवल उनकी खूबसूरती नहीं बढ़ाता, वो अच्छी सेहत के लिए भी बहुत लाभदायक है। आइए हम भी जानते है इनके बारे में।

1.    सिंदूर- सिंदूर में कुछ इसे धातु होते है जो उम्र के साथ छेरे पर आने वाली झुर्रियों को कम करता है।

2.    बिंदी- माथे पर बिंदी लगाने से मन शांत रहता है, तनाव कम होता है और इससे आत्मविश्वास भी बढ़ता है।

3.    माँग टीका- माँग टीका दिमाग से जुड़ी क्रियाओं को नियमित और संतुलित रखता है।

4.    काजल- काजल आँखों के लिए बहुत अच्छा है, इससे आँखों से जुड़ी समस्याएं कम होती और आँखों को ठंडक भी पहुँचती है।

5.    नथ- नाथ पहनने वाले स्थान पर एक्यूप्रेशर होता है जो डिलीवरी के दौरान होने वाले दर्द को कम करता है।

6.    बालों में गजरा- बालों में गजरा या फूल लगाने से उसकी भीनी-भीनी खुशबू से मन शांत रहता है।

7.    मंगल सूत्र- मान्यता के अनुसार गले में सोने का हार या माल डालने से हृदय स्वस्थ रहता है।

8.    कान की बालियाँ- कान के निचले हिस्से में एक एस प्वाइंट होता है जिससे आँखों की एक नस गुजराती है , कान में बाली डालने से उसस नस पर प्रेशर बनता है और आँखों की रोशनी तेज होने में मदद मिलती है।

9.    मेकअप- मेकअप से आत्मा को शांति मिलती है और आत्मविश्वास बने रहता है।

10.                   मेहंदी- मेहंदी लगाने से मन शांत और प्रसन्न रहता है।

11.                   बाजूबंद- बाजूबंद पहनने से बाह के कुछ हिस्सों में प्रेशर पढ़ता है जो आपको लंबे समय तक सुंदर और जवान रखता है।

12.                   कमरबंद-इसे धारण करने से कमर पतली और सुंदर दिखती है।

13.                   अंगूठी-अंगूठी धरण करने से शरीर दुरुस्त रहता है आलस नहीं आता।

14.                   चूड़ियाँ- चूड़ी से हॉर्मोन्स का स्तर बना रहता है और ब्लड का सरक्यूलेशन भी अच्छा रहता है।

15.                   बिछिया- बिछिया पहनने से एक न्यास पर दबाव पढ़ता है जिससे गर्भाशय के समय सरक्यूलेशन अच्छा रहता है।

पायल- पायल से पैरों की हड्डियाँ मजबूत रहती है।

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