KNEWS DESK- तेल अवीव में हालिया ईरान के हमले के बाद इजरायल ने स्थिति को गंभीरता से लेते हुए जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी है। इस संदर्भ में, इजरायल ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस को अपने देश में एंट्री पर रोक लगाने का निर्णय लिया है। यह कदम एक अंतरराष्ट्रीय विवाद को और बढ़ा सकता है, खासकर जब संयुक्त राष्ट्र की भूमिका और मध्य पूर्व में उसकी उपस्थिति महत्वपूर्ण मानी जाती है।
इराक में नसरल्लाह नाम रखने का चलन
ईरान की आधिकारिक समाचार एजेंसी इरना के अनुसार, इराकी स्वास्थ्य मंत्रालय ने जानकारी दी है कि लगभग सौ परिवारों ने लेबनानी हिजबुल्लाह के नेता हसन नसरल्लाह की मौत के बाद अपने बच्चों का नाम नसरल्लाह रखा है। यह घटना दर्शाती है कि हिजबुल्लाह के प्रति स्थानीय लोगों की सहानुभूति और उनके विचारधारा की लोकप्रियता अभी भी बनी हुई है।
इजरायल की सैन्य कार्रवाई
इजरायल की सेना ने लेबनान के हिजबुल्लाह के खिलाफ कार्रवाई करते हुए पश्चिमी सीरिया के तटीय शहरों में स्थित ठिकानों को निशाना बनाने का निर्णय लिया है। इजरायल का यह कदम हिजबुल्लाह के गुर्गों को जड़ से उखाड़ने के उद्देश्य से किया जा रहा है। इसके तहत इजरायल ने गुरुवार को दक्षिणी बेरूत और दक्षिणी लेबनान के लिए निकासी आदेश भी जारी किया है, जिससे स्थानीय नागरिकों में चिंता बढ़ गई है।
स्थिति की जटिलता
यह सभी घटनाक्रम इस बात का संकेत हैं कि मध्य पूर्व में तनाव बढ़ता जा रहा है, जिससे क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस संकट के समाधान के लिए प्रयासरत है, लेकिन हाल की घटनाएं एक नई चुनौतियों का सामना कर रही हैं। इस प्रकार, इजरायल-ईरान के बीच का यह टकराव न केवल क्षेत्रीय स्तर पर, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी जटिलता को बढ़ा सकता है।
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