KNEWS DESK – भारत द्वारा की गई सख्त जवाबी कार्रवाई के बाद पाकिस्तान की सरकार और सेना में खौफ का माहौल साफ देखा जा सकता है। ताजा उदाहरण है पाकिस्तान के रक्षामंत्री ख्वाजा आसिफ का चौंकाने वाला बयान, जिसमें उन्होंने कहा है कि यदि जरूरत पड़ी तो देश के मदरसों में पढ़ने वाले छात्रों को सेकेंड डिफेंस लाइन के तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा।
नेशनल असेंबली में ख्वाजा आसिफ का विवादित बयान
नेशनल असेंबली में बोलते हुए ख्वाजा आसिफ ने कहा, “जहां तक मदरसों और वहां पढ़ने वाले छात्रों का ताल्लुक है, इसमें कोई शक नहीं कि वो हमारी सेकेंड डिफेंस लाइन हैं… उन्हें शहरों और दूसरी जरूरतों के लिए 100% इस्तेमाल किया जा सकता है।” उनका यह बयान न केवल संवेदनशील है, बल्कि मानवाधिकारों और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के उल्लंघन की ओर भी इशारा करता है, क्योंकि इसमें नाबालिगों या धार्मिक छात्रों को युद्ध के लिए झोंकने की बात कही गई है।
भारत की ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसी जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान को भारी सैन्य नुकसान झेलना पड़ा है। लाहौर में स्थित एयर डिफेंस सिस्टम के तबाह होने की खबरें सामने आई हैं। इसके बाद पाकिस्तानी संसद में बैकफुट पर नजर आते नेता, डर के मारे जंग से बचने की गुहार लगाते दिखे। कुछ सांसदों की आंखों में आंसू तक आ गए।
बार-बार परमाणु हमले की धमकी
ख्वाजा आसिफ और रेलमंत्री हनीफ अब्बासी जैसे नेता पहले भी परमाणु हमले की धमकी दे चुके हैं। अब्बासी ने कहा था कि पाकिस्तान के पास 130 परमाणु हथियार हैं, जिनका रुख भारत की ओर है। आसिफ ने भी कहा था कि अगर पाकिस्तान पर अस्तित्व का संकट आया, तो “दुनिया में कोई नहीं बचेगा।”
रूस में पाकिस्तान के राजदूत मोहम्मद खालिद जमाली ने भी हाल ही में भारत को परमाणु युद्ध की धमकी दी। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि “अगर भारत हमले करता है, तो पाकिस्तान पूरी ताकत से जवाब देगा।”