मसूद अजहर को लेकर बिलावल भुट्टो का विवादित बयान, भारत ने दी तीखी प्रतिक्रिया

KNEWS DESK-  पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री और पीपुल्स पार्टी (PPP) के प्रमुख बिलावल भुट्टो जरदारी ने एक सनसनीखेज बयान में कहा है कि पाकिस्तान को नहीं पता कि वैश्विक आतंकी मसूद अजहर कहां है। भुट्टो ने दावा किया कि अजहर संभवतः अफगानिस्तान में है, और यदि भारत यह जानकारी साझा करता है कि वह पाकिस्तान में मौजूद है, तो उसे गिरफ्तार करने में इस्लामाबाद को “खुशी” होगी।

यह बयान ऐसे समय आया है जब भारत लंबे समय से पाकिस्तान से मसूद अजहर और लश्कर-ए-तैयबा प्रमुख हाफिज सईद को सौंपने की मांग करता आ रहा है। भारत ने बार-बार सबूत दिए हैं कि ये आतंकी पाकिस्तान में खुलेआम घूम रहे हैं, लेकिन हर बार पाकिस्तान इन दावों को या तो नजरअंदाज करता है या उनसे इनकार करता है।

साक्षात्कार में भुट्टो ने कहा, “हम मसूद अजहर को पकड़ने या उसकी पहचान करने में असमर्थ रहे हैं। हमारा मानना है कि वह अफगानिस्तान में है। अगर भारत यह जानकारी देता है कि वह पाकिस्तानी धरती पर है, तो हम उसे पकड़ने में खुशी महसूस करेंगे।”

भुट्टो ने यह भी कहा कि पाकिस्तान अजहर या किसी भी खतरनाक व्यक्ति को सक्रिय देखना नहीं चाहता। उन्होंने दावा किया कि अगर अजहर अफगानिस्तान में है, तो पश्चिमी देशों की भी जिम्मेदारी बनती है क्योंकि उन्होंने अफगान तालिबान को सत्ता में स्वीकार कर लिया है।

भुट्टो ने यह भी कहा कि हाफिज सईद पाकिस्तान में स्वतंत्र नहीं हैं बल्कि राज्य की हिरासत में हैं। यह बयान भी विवादास्पद है क्योंकि भारत और अंतरराष्ट्रीय समुदाय बार-बार यह आरोप लगाते रहे हैं कि सईद को पाकिस्तान में सरकार और सेना का संरक्षण प्राप्त है।

बिलावल भुट्टो के बयानों पर भारत ने तीखा जवाब दिया है। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भुट्टो की पहले की एक धमकी — जिसमें उन्होंने सिंधु जल संधि रद्द होने की स्थिति में युद्ध की बात कही थी — का जिक्र करते हुए कहा, “ऐसे बयान गरिमापूर्ण नहीं होते। कहो उसे कि कहीं पानी में कूद जाए। और जब पानी ही नहीं बचेगा, तो कूदेगा कहां?”

भुट्टो की यह टिप्पणी उस वक्त आई है जब भारत ने हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक की थी। इसमें लश्कर-ए-तैयबा के मुरीदके स्थित मुख्यालय और जैश-ए-मोहम्मद के बहावलपुर स्थित ठिकाने को निशाना बनाया गया था। मसूद अजहर ने दावा किया था कि हमले में उसके परिवार के 10 सदस्य और चार करीबी सहयोगी मारे गए।

भारत ने बार-बार स्पष्ट किया है कि आतंकवाद पर उसकी नीति बिल्कुल स्पष्ट है — या तो पाकिस्तान इन आतंकियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे, या फिर भारत खुद कदम उठाएगा। मसूद अजहर और हाफिज सईद जैसे आतंकियों की पाकिस्तान में मौजूदगी और संरक्षण को लेकर भारत का अंतरराष्ट्रीय मंचों पर दबाव लगातार जारी है।

भुट्टो के हालिया बयान से साफ है कि पाकिस्तान एक बार फिर अपने आतंकी नेटवर्क को लेकर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ने की कोशिश कर रहा है, जबकि भारत सबूतों के साथ हर मंच पर इसकी पोल खोलता आया है। मसूद अजहर जैसे आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई की उम्मीद तब तक अधूरी ही रहेगी, जब तक पाकिस्तान राजनीतिक इच्छाशक्ति दिखाने के बजाय अंतरराष्ट्रीय दबाव से बचने के लिए बहानेबाजी करता रहेगा।

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