KNEWS DESK – ग्लैमर और शोहरत की चकाचौंध भरी दुनिया को छोड़कर अध्यात्म की ओर बढ़ने वाली हस्तियों की फेहरिस्त में एक नया नाम जुड़ गया है—मिस इंडिया और मिस वर्ल्ड टूरिज्म रह चुकीं इशिका तनेजा। लंदन में पढ़ाई कर चुकीं और राष्ट्रपति अवार्ड से सम्मानित इशिका इन दिनों महाकुंभ 2025 में सनातन धर्म के प्रचार में जुटी हुई हैं।
ग्लैमर को छोड़ अपनाया अध्यात्म
इशिका तनेजा ने फैशन और फिल्म इंडस्ट्री में अपनी अलग पहचान बनाई थी, लेकिन अब वह पूरी तरह से धर्म की राह पर चल पड़ी हैं। हाल ही में उन्होंने द्वारका शारदा पीठ के शंकराचार्य सदानंद सरस्वती से गुरु दीक्षा ली और सनातन धर्म के प्रचार में जुट गईं। उनका मानना है कि ग्लैमर की दुनिया में सफलता के बावजूद उनका जीवन अधूरा सा लग रहा था, और वास्तविक सुख-शांति के लिए उन्होंने अध्यात्म का मार्ग अपनाया।
श्री लक्ष्मी बनकर बेटियों को कर रहीं जागरूक
इशिका तनेजा अब सिर्फ एक अभिनेत्री नहीं, बल्कि सनातन संस्कृति की प्रचारक बन चुकी हैं। वह खुद को “श्री लक्ष्मी” के रूप में प्रस्तुत कर बेटियों को जागरूक कर रही हैं। उनका मानना है कि महिलाओं को सिर्फ मनोरंजन और शोहरत तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि उन्हें धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए आगे आना चाहिए।
महाकुंभ में इशिका ने सनातन धर्म से जुड़ी कई महत्वपूर्ण बातें कही हैं। एक वीडियो में वह कहती नजर आईं, “एक चुटकी सिंदूर की कीमत क्या कोई समझेगा? बाबर की औलादें इसकी कीमत नहीं समझ सकते। एक चुटकी सिंदूर हमें लव जिहाद, तीन तलाक और हलाला से बचाता है।” उन्होंने बेटियों से सरस्वती, लक्ष्मी, दुर्गा और काली बनने की प्रेरणा दी। इशिका का मानना है कि भारत की बेटियां सिर्फ नाचने या मनोरंजन के लिए नहीं बनीं, बल्कि धर्म और संस्कृति की रक्षा करने के लिए बनी हैं। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि लड़कियां धर्म की शक्ति को समझें और उसे अपनाएं।
“साध्वी नहीं, लेकिन सनातनी हूं”
इशिका तनेजा ने यह भी साफ किया कि वह साध्वी नहीं बनी हैं, बल्कि एक गर्वित सनातनी हैं। उन्होंने कहा, “साध्वी बनने के लिए कठोर तपस्या करनी पड़ती है, घर-परिवार छोड़ना पड़ता है, पिंड दान करना होता है। मैं सनातन धर्म की सेवा करना चाहती हूं, इसलिए इसे अपनाया है।”
इशिका का यह बदलाव दिखाता है कि सच्ची शांति और संतुष्टि सिर्फ बाहरी चमक-धमक में नहीं, बल्कि आत्मिक शुद्धि और धर्म के मार्ग पर चलने में है। वह अब सनातन संस्कृति की एक प्रेरणादायक हस्ती बन चुकी हैं और युवा पीढ़ी को अपनी संस्कृति से जोड़ने का काम कर रही हैं।