बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में शामिल हुईं राष्ट्रपति मुर्मू..

यूपी, सोमवार को बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर यूनिवर्सिटी अपना 10वां दीक्षांत समारोह मना रहा है। इस समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शामिल होकर छात्रों को प्रोत्साहित किया और मेडल वितरित किए।राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू उत्तर प्रदेश में दो दिवसीय दौरे पर रविवार 12 फरवरी को लखनऊ पहुंची थीं। जहां उन्होंने ने लखनऊ में आयोजित यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 के समापन सत्र में पहुंच कर यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट शोभा बढ़ाई, कार्यक्रम को आगे बड़ा कर शाम को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू लखनऊ में लोकभवन में उत्तर प्रदेश सरकार के उनके सम्मान में आयोजित नागरिक अभिनंदन समारोह में हिस्सा लिया।

सोमवार 13 फरवरी को राष्ट्रपति मुर्मू लखनऊ में बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के 10वें दीक्षांत समारोह में शामिल हुई हैं और वहां के दीक्षांत समारोह में छात्रों को मेडल वितरण किया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर विश्विद्यालय के 10वें दीक्षांत समारोह में स्वर्ण पदक विजेता मेधावियों को सम्मानित किया। इस मौके पर राष्ट्रपति के साथ ही राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, मंत्री योगेंद्र उपाध्याय, कुलपति आचार्य संजय सिंह और कुलाधिपति एस बरतुलिया मंच पर मौजूद रहे। इस मौके पर कुलपति आचार्य संजय सिंह ने कहा कि हम भाग्यशाली महसूस कर रहे हैं कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू हमारे बीच मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद हैं। राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, मंत्री योगेंद्र उपाध्याय को भी आगमन के लिए धन्यवाद। उन्होंने सभी पदक विजेताओं व डिग्री धारकों को भी बधाई दी।

उन्होंने कहा कि हमारे विश्विद्यालय द्वारा 50 प्रतिशत सीटों पर एससी एसटी के बच्चों को प्रवेश दिया जाता है। इस वर्ष विदेशी छात्रों की संख्या में इजाफा हुआ है। एनाईआरएफ रैंकिंग में भी सुधार हुआ है।

विश्विद्यालय में मियावाकी फारेस्ट और सप्ताह में एक दिन नो व्हीकल डे मनाते हैं।

उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सावित्री बाई फुले हॉस्टल के लिए 12 करोड़ रुपये दिए हैं। अभी कई और छात्रावास बनने हैं।

विश्वविद्यालय में एससी एसटी स्टूडेंट्स के लिए यूपीएससी की निशुल्क कोचिंग की व्यवस्था की है।

बुक्सा जनजाति के लोगों से मुलाकात

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को लखनऊ स्थित राजभवन में बुक्सा जनजाति के लोगों से मुलाकात की और जनजाति के पांच लोगों को जमीन के पट्टे दिए। उन्होंने कहा कि सरकार जनजातियों के विकास के लिए काम कर रही है लेकिन, केवल सरकार के सहारे से काम नहीं चलेगा। हमे आगे बढ़ने का जुनून और हौसला होना चाहिए। हमारी मानसिकता मजबूत और सटीक होनी चाहिए। अपने मनोबल को सशक्त करना होगा। दूसरे समुदाय के बच्चों के साथ प्रतियोगिता करनी होगी। जिस से उनके अंदर भी कुछ के दिखने का जज़्बा आए।

बिजनौर की बुक्सा जनजाति की सीमा और कविता रानी ने स्कूल, अस्पताल और आईटीआई व कोचिंग सेन्टर खोलने की मांग रखी जिस पर राष्ट्रपति ने कहा कि वे सरकार से इस संबंध में बात करेंगी। उन्होंने आह्वान किया कि जनजातियां अपने परंपरागत कार्यों से जुड़े रहते हुए आर्थिक क्षेत्र में उन्नति करें। पट्टे मिलने से प्रधानमंत्री आवास भी उन्हें मिल सकेगा। यह नहीं सोचना चाहिए कि हम जनजाति हैं तो पीछे हैं।
उन्होंने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल द्वारा गांवों में भ्रमण करने और कई गांव गोद लेने पर प्रशंसा भी की।

About Post Author