पतंजलि आयुर्वेद के गुलाब शर्बत की गर्मियां आते ही डिमांड बढ़ी, जानें किस नीयत से बनाया…

KNEWS DESK-  जैसे-जैसे देशभर में गर्मी का पारा चढ़ता जा रहा है, वैसे-वैसे शरीर को ठंडक देने वाले पारंपरिक और प्राकृतिक विकल्पों की मांग भी तेजी से बढ़ रही है। इसी बीच बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण की अगुवाई वाली देश की प्रतिष्ठित आयुर्वेदिक एफएमसीजी कंपनी पतंजलि आयुर्वेद ने एक बार फिर बाजार में अपने गुलाब शर्बत, खस शर्बत और बेल शर्बत की सप्लाई बढ़ा दी है।

कंपनी का मकसद सिर्फ कारोबार नहीं, बल्कि जनता के स्वास्थ्य की रक्षा करना है — और यही सोच पतंजलि को बाकी कंपनियों से अलग बनाती है।

पतंजलि आयुर्वेद की स्थापना से ही बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण का उद्देश्य रहा है कि हर भारतीय को प्राकृतिक और आयुर्वेदिक तरीकों से स्वस्थ रखा जाए। कंपनी ने हमेशा मुनाफे से पहले जनहित को प्राथमिकता दी है।

जहां आज की कई कंपनियां कोला, सोडा और शक्कर से भरपूर ड्रिंक्स के जरिए बाजार में हिस्सेदारी बढ़ाने की होड़ में लगी हैं, वहीं पतंजलि ने तय किया है कि वह ऐसे उत्पाद बनाएगी जो शरीर को लाभ पहुंचाएं, नुकसान नहीं।

पतंजलि का गुलाब शर्बत गर्मी के मौसम में शरीर को शीतलता देने के साथ-साथ कई आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर है। इसे पारंपरिक विधियों से तैयार किया जाता है। गुलाब की पंखुड़ियां सीधे किसानों से खरीदी जाती हैं, जिससे गुणवत्ता बनी रहती है। इसमें मिलाई जाती हैं खास औषधीय जड़ी-बूटियां। यह शर्बत न केवल स्वाद में बेहतरीन है, बल्कि डाइजेशन, त्वचा और मानसिक शांति के लिए भी लाभकारी माना जाता है।

पतंजलि ने खस शर्बत और बेल शर्बत को भी उसी पारंपरिक तरीके से तैयार किया है जैसे भारतीय घरों में दशकों से किया जाता रहा है। खस शर्बत शरीर को ठंडक देने के साथ-साथ मूत्र संबंधी परेशानियों में राहत देता है। बेल शर्बत पेट की गर्मी को शांत करता है और डाइजेस्टिव सिस्टम को दुरुस्त रखता है

इन उत्पादों को कृत्रिम स्वाद या रसायन रहित बनाया गया है ताकि आयुर्वेद का शुद्ध लाभ लोगों तक पहुंचे।

पतंजलि के शर्बत सिर्फ हेल्थ फ्रेंडली नहीं, बल्कि किसान-फ्रेंडली भी हैं। कंपनी गुलाब, खस और बेल जैसे आवश्यक जड़ी-बूटियों और फलों को सीधे भारतीय किसानों से खरीदती है। इससे न सिर्फ बिचौलियों की भूमिका खत्म होती है, बल्कि किसानों को बेहतर मूल्य भी मिल पाता है।

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