KNEWS DESK- अमेरिका से अवैध रूप से रह रहे भारतीय प्रवासियों की डिपोर्टेशन के मुद्दे पर संसद में जोरदार चर्चा हुई। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने राज्यसभा में सरकार का पक्ष रखते हुए स्पष्ट किया कि यदि कोई नागरिक किसी भी देश में अवैध रूप से रहता है, तो उसे वापस बुलाना अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत सभी देशों का दायित्व होता है।
डिपोर्ट किए गए भारतीयों के साथ दुर्व्यवहार न हो, भारत कर रहा संपर्क
विदेश मंत्री ने कहा कि भारत सरकार इस बात को सुनिश्चित करने के लिए अमेरिकी प्रशासन के संपर्क में है कि निर्वासित भारतीयों के साथ किसी भी तरह का अमानवीय व्यवहार न किया जाए। उन्होंने कहा, “हम अमेरिकी सरकार से लगातार बात कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि डिपोर्ट किए गए भारतीयों के साथ उचित व्यवहार हो और उन्हें किसी प्रकार की प्रताड़ना न झेलनी पड़े।”
संसद में विपक्षी दलों ने डिपोर्ट किए गए भारतीयों को हथकड़ी लगाए जाने पर सवाल उठाए। इस पर विदेश मंत्री ने कहा कि अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे लोगों को हथकड़ी लगाना वहां की नीतियों का हिस्सा है और यह केवल भारतीयों के साथ नहीं, बल्कि अन्य देशों के प्रवासियों के साथ भी किया जाता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत सरकार इस नीति में किसी भी प्रकार का बदलाव नहीं कर सकती, लेकिन यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है कि किसी भारतीय नागरिक के साथ अनावश्यक सख्ती न बरती जाए।
भारत को पहले से थी 104 लोगों की डिपोर्टेशन की जानकारी
जयशंकर ने बताया कि भारत सरकार को पहले से ही जानकारी थी कि 104 भारतीयों को अमेरिका से वापस भेजा जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं, और हर बार भारत सरकार यह सुनिश्चित करने की कोशिश करती है कि प्रवासियों को उनके अधिकारों के तहत उचित सहायता मिले।
विदेश मंत्री ने कहा कि भारतीय दूतावास द्वारा कॉन्सुलर एक्सेस (राजनयिक पहुंच) के तहत अवैध प्रवासियों की राष्ट्रीयता की पुष्टि की जाती है, ताकि उनकी वापसी में कोई कानूनी अड़चन न आए। उन्होंने कहा, “हम इन लोगों को भारत लाने का प्रयास कर रहे हैं और आगे भी यह सुनिश्चित करेंगे कि भारतीय नागरिकों के अधिकार सुरक्षित रहें।”
विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए सवाल उठाए कि आखिर भारत से इतनी बड़ी संख्या में लोग अवैध रूप से विदेश जाने को मजबूर क्यों हैं? उन्होंने सरकार से मांग की कि रोजगार के अवसर बढ़ाए जाएं ताकि भारतीय युवाओं को अवैध प्रवास का रास्ता न अपनाना पड़े। इस पूरे मामले में अब यह देखना होगा कि सरकार आगे क्या कदम उठाती है और अमेरिका से डिपोर्ट किए गए भारतीयों को सुरक्षित तरीके से देश वापस लाने में कितनी सफल होती है।
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