सीमा हैदर ने बिगाड़ा अतीक गैंग और नेपाली माफिया का खेल, होने वाली थी ये सीक्रेट डील

KNEWS DESK- माफिया अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन और अतीक के भाई अशरफ की पत्नी जैनब की पुलिस अभी तक गिरफ्तारी नहीं कर पाई है लेकिन इन दोनों को लेकर एक बड़ा अपडेट सामने आया है। माफिया अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन और अतीक के भाई अशरफ की पत्नी जैनब के पास अब पैसों की कमी सामने आ रही है। अब दोनों अतीक और अशरफ की बेनामी संपत्तियों को बेचने की जुगाड़ में लगी हैं, ताकि वह अली और उमर को जेल से बाहर निकाल सकें और अपना साम्राज्य खड़ा कर सकें।

सीमा हैदर की एंट्री ने बिगाड़ा शाइस्ता और जैनब का खेल.

सूत्रों के मुताबिक, विजय मिश्रा ने पुलिस को बताया कि अतीक की प्रयागराज और लखनऊ स्थित बेनामी संपत्तियों को बेचने के लिए वह खरीदार ढूंढ़ रहा था, लेकिन यूपी का कोई भी बिल्डर अतीक की संपत्ति खरीदने को तैयार नहीं था। ऐसे में नेपाल में रहने वाला यूपी का एक माफिया इन संपत्तियों को खरीदने के लिए तैयार हुआ था।

सीमा हैदर की एंट्री ने बिगाड़ा शाइस्ता और जैनब का खेल.

संपत्ति की तस्वीर और वीडियो के साथ जरूरी कागजात विजय मिश्रा ने वॉट्सएप के जरिए नेपाल के उस माफिया को भेजे थे। इसके बाद जमीन की डील पक्की हो गई थी. हालांकि खरीदार एक बार आमने सामने बैठकर विजय मिश्रा और शाइस्ता या जैनब से बात करना चाहता था। इसके लिए लखनऊ में मीटिंग बुलाई गई थी, जिसमें अशरफ की पत्नी जैनब, वकील विजय मिश्रा और नेपाल का खरीदार माफिया शामिल होने वाले थे।

26 जुलाई को होने वाली थी मीटिंग

सूत्रों के मुताबिक, यह मीटिंग 26 जुलाई को फिक्स हुई थी. वकील विजय मिश्रा लखनऊ पहुंच चुका था लेकिन उसे बताया गया कि खरीदार नेपाल से उस दिन नहीं, बल्कि दूसरे दिन आएगा. अगले तीन दिनों तक मीटिंग का समय टलता गया। सूत्रों के मुताबिक, पूछताछ में पता चला कि जब विजय मिश्रा ने नेपाल के माफिया से मीटिंग टालने का कारण पूछा तो जवाब मिला कि पाकिस्तान की सीमा गुलाम हैदर नेपाल के रास्ते भारत में चोरी छिपे घुसी है, इसके बाद से नेपाल की सीमा पर सख्ती बढ़ गई है।

आखिर जैनब और शाइस्ता की योजना 

जैनब पुलिस के हत्थे तो नहीं चढ़ी मगर अब पुलिस और एसटीएफ को शाइस्ता और जैनब को लेकर अहम बात पता चली है। पुलिस को पता चला है कि बेनामी संपत्ति की डील से 12 करोड़ रुपये का भुगतान होना था। जैनब और शाइस्ता हर कीमत पर देश से फरार होना चाहती हैं। जैनब और शाइस्ता के फरार होने में इस रकम का इस्तेमाल होना था।

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