KNEWS DESK… विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संसद में मानसून सत्र के दौरान जानकारी देते हुए कहा कि भारत से 87 हजार लोग इस साल जून तक अपनी नागरिकता छोड़कर जा चुके हैं. जबकि 2011 से लेकर अब तक देश के साढ़े 17 लाख लोगों ने अपनी भारतीय नागरिकता छोड़ दिया है. भारतीय नागरिकता को छोड़ने वाले ज्यादातर लोग अमेरिका की ओर प्रस्थान करते हैं.
दरअसल आपको बता दें कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि पिछले दो दशकों में बड़ी संख्या में भारतीय ग्लोबल वर्कप्लेस की तलाश कर रहे हैं. जिसमें कई लोगों ने अपनी सुविधा के अनुसार दूसरे देशों की नागरिकता प्राप्त की है. 2020 में 85 हजार, 2021 में 1.63 लाख एवं 2022 में 2.25 लाख भारतीयों ने अपनी नागरिकता छोड़कर दूसरे देशों की नागरिकता हासिल की है. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि सरकार ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए मेक इन इंडिया के तहत कई ऐसे प्रयास शुरू किए हैं, जिससे अपने देश में रहते हुए ही नागरिकों की प्रतिभा को उजागर किया जा सके. इसके साथ ही सरकार ने स्किल एवं स्टार्टअप्स को भी बढ़ावा देने का काम किया है. विदेश में मौजूद भारतीय समुदाय हमारी संपत्ति का हिस्सा हैं. हम उन प्रवासी भारतीयों से लगातार बेहतर रिश्ते बनाने की कोशिश में कर रहे हैं. इसके लिए भारत द्वारा कई तरह के कदम उठाए जा रहे हैं. भारत सरकार ने विदेशों में रह रहे भारतीय प्रवासियों के साथ जुड़ने के लिए कई तरह के बदलाव किए हैं. दूसरे देशों में रह रहे, प्रवासी भारतीय हमारी संपत्ति हैं. हम उन प्रवासी भारतीयों जरिए अपने देश के विकास करने लिए बराबर अनेक तरह के कदम उठाते रहते हैं.
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गौरबतल हो कि, लोकसभा सांसद पी चिंदबरम ने विदेशी मंत्री एस जयशंकर से पूछा था कि पिछले तीन सालों में कितने भारतीयों ने नागरिकता छोड़ी है और इसके बाद उन्होंने किन-किन देशों की नागरिकता हासिल की है. जिसके जवाब में मंत्री एस जयशंकर ने उपरोक्त बयान देते हुए कहा कि प्रवासी भारतीयों की सुविधा के लिए भारत सरकार कई महत्वपूर्ण कदम उठा रही है.
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