राजस्थान : रात 2:28 बजे गहलोत ने कोटा दौरा किया रद्द, जानिए क्यों नहीं गए चंबल रिवरफ्रंट का उद्घाटन करने सीएम

KNEWS DESK… राजस्थान के कोटा की अपनी यात्रा रद्द करने के लिए भाजपा के पूर्व विधायक प्रल्हाद गुंजल ने सीएम गहलोत को धन्यवाद दिया है. कोटा में सीएम गहलोत को बहुचर्चित चंबल रिवरफ्रंट का उद्घाटन करना था. इस प्रोजेक्ट का उद्घाटन बड़े ही धूमधाम से होना था. लेकिन सीएम गहलोत ने एक दिन पहले ही अपने इस कार्यक्रम को रद्द कर दिया.

दरअसल, मंगलवार को एक प्रेस विज्ञप्ति में भाजपा पूर्व विधायक गुंजल ने दावा किया कि सरकार ने स्वीकार कर लिया है कि रिवरफ्रेंट का निर्माण नियमों के खिलाफ था. गुंजल ने कहा कि सोमवार को मैंने मुख्यमंत्री बताया कि रिवरफ्रंट के निर्माण में कानून का उल्लघंन किया गया है.

जानकारी के लिए बता दें कि सीएम गहलोत ने सोमवार की आधी को एक ट्वीट करते हुए लिखा था कि हमारे वरिष्ठ साथी UDH मंत्री श्री शांति धारीवाल ने कोटा रिवर फ्रंट के रूप में हाड़ौती को एक ऐतिहासिक सौगात दी है. हाड़ौती क्षेत्र पर्यटन के क्षेत्र में पिछड़ा रहा है परन्तु यह रिवर फ्रंट यहां पर्यटन बढ़ाने के लिए मील का पत्थर साबित होगा एवं कोटा के विकास की नई इबारत लिखेगा. पिछले कार्यकाल में धारीवाल जी ने कोटा को सेवन वंडर्स की सौगात दी थी जिस पर अब फिल्मों की शूटिंग तक होती है. 12 और 13 सितम्बर को कोटा के लोकार्पण मेरे द्वारा प्रस्तावित थे जिसका मैं बेसब्री से इंतजार कर रहा था परन्तु अपरिहार्य कारणों से मैं 12 सितम्बर के कार्यक्रमों में शामिल नहीं हो पाऊंगा. 13 सितम्बर के कार्यक्रम यथावत रहेंगे. सभी हाड़ौतीवासियों को बधाई.”

सीएम गहलोत के इस ट्‌वीट ने हर किसी को हैरान कर दिया था. क्योंकि कोटा रिवर फ्रंट के कार्यक्रम के तहत सीएम सहित पूरी सरकार का दोनों दिन कोटा में ही रहने का कार्यक्रम था, लेकिन कार्यक्रम से एक रात पहले सीएम ने अचानक दौरा रद्द कर दिया था.

सूत्रों के अनुसार कार्यक्रम से ठीक एक दिन पहले आला सरकारी मशीनरी हरकत में आ गई. रिवर फ्रंट को लेकर वाइल्ड लाइफ एक्ट सहित तमाम मामलों को लेकर मिली स्वीकृतियों और लंबित स्वीकृतियों को लेकर बैठकों के दौर शुरू हो गए. मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से बारीकी से एक-एक कागज देखे जा रहे थे. एनजीटी, सेंचुरी को लेकर नेशनल बोर्ड फॉर वाइल्ड लाइफ की स्टैंडिंग कमेटी की गाइडलाइन, सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट के डिसीजन और इको सेंसिटिव जोन आदि को लेकर हर लाइन पर चर्चा हो रही थी. पता किया जा रहा था कि किन-किन निर्माण कार्यों की अनुमति मिल गई थी और किसकी लंबित या प्रक्रिया में चल रही हैं. आला अधिकारियों के बीच आधी रात तक चले बैठकों के दौर के बाद आखिरकार कुछ मामलों में चूक की आशंका नजर आई. इसके बाद आधी रात को तय हुआ कि सीएम गहलोत का जाना उचित नहीं है क्योंकि कोई विवाद खड़ा हो सकता है. चुनाव सामने है और कोई विपक्ष इसको मुद्दा बना सकता है इसीलिए सीएम गहलोत ने कोटा का दौरा टाल दिया.

भाजपा पूर्व विधायक गुंजल ने किया था बड़ा दावा

बता दें कि वहीं दूसरी तरफ पूर्व विधायक गुंजल ने दावा किया है कि जब मुख्यमंत्री ने राज्य के शीर्ष अधिकारियों को बुलाया और कागजात की जांच की, तो उनकी बात सच निकली, तब मुख्यमंत्री और सरकार ने स्वीकार किया कि कहीं न कहीं गलती हुई है और मुख्यमंत्री ने अपना दौरा रद्द कर दिया. गुंजल ने कहा कि केवल दौरा रद्द करने से शहरी विकास न्यास अपने दोषों से मुक्त नहीं हो जाता. उन्होंने कहा, ”इस पूरे प्रकरण में शामिल सभी अधिकारियों और मंत्रियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि ऐसा दोबारा न हो. उन्होंने टिप्पणी करते हुए कहा कि 1500 करोड़ रुपये का सरकारी धन बर्बाद किया गया है और यह सारा खर्च सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट, वन्य जीव निकाय आदि के नियमों की अनदेखी करते हुए किया गया है. यह सब सरकारी स्तर पर हुआ है.” गुंजल ने कहा कि वह पिछले तीन साल से यही कह रहे हैं कि रिवर फ्रंट का निर्माण अवैध है. उन्होंने यह भी कहा कि चंबल रिवरफ्रंट निर्माण के शुरू से लेकर पूरा होने तक के सभी टेंडरों की पूरी फाइल तलब कर करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार की जांच होनी चाहिए. भाजपा पूर्व विधायक ने कहा कि रिवरफ्रंट डेवलपमेंट के नाम पर करोड़ों रुपये का कमीशन लिया गया है. उन्होंने कहा कि अगर अभी जांच नहीं हुई तो हमारी सरकार आने पर इसकी जांच कराई जायेगी और दोषी अधिकारियों को जेल जाना होगा.

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