लालकिले से PM मोदी ने कहा- अगली बार फिर फहराऊंगा तिरंगा, परिवारवाद, भ्रष्टाचार एंव तुष्टिकरण से मुक्ति जरूरी

KNEWS DESK- इस साल भारत  77वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। आज देश के PM मोदी ने लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित किया है। पीएम मोदी ने लाल किला पर 10वीं बार तिरंगा फहराया है। पिछले साल स्वतंत्रता दिवस पर मोदी के भाषण का सबसे बड़ा आकर्षण ‘पंच प्राण’ की घोषणा थी।  PM ने देशवासियों से 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने को कहा है।औपनिवेशिक मानसिकता के हर निशान को खत्म करने की अपील की है। एकता की शक्ति को बढ़ावा देने और नागरिक कर्तव्यों को ईमानदारी से पूरा करने पर जोर दिया है। इस बार के संबोधन में पीएम ने परिवारवाद, तुष्टिकरण और भ्रष्टाचार से मुक्ति को जरूरी बताते हुए ऐलान किया कि ‘अगली बार फिर तिरंगा फहराऊंगा.’ PM का यह भाषण 2024 के चुनाव को लेकर भी अहम माना जा रहा है।

आपको बता दें कि प्रधानमंत्री ने लाल किले पर 10वीं बार झंडा फहराने के बाद अपने संबोधन में देशवासियों को बधाई दी है। PM ने संबोधन की शुरुआत में कहा कि आज 15 अगस्त महान क्रांतिकारी श्री अरबिंदो की 150वीं जयंती पूर्ण हो रही है। ये वर्ष स्वामी दयानंद सरस्वती के 150वीं जयंती का वर्ष है।  ये वर्ष मीराबाई भक्ति योग की सिरमौर 525 वर्ष का या पावन वर्ष है। इसबार जब हम 26 जनवरी मनाएंगे वो हमारे गणतंत्र दिवस की 75वीं वर्षगांठ होगी। अपने संबोधन में PM ने आगे कहा कि पिछले कुछ सप्ताह विशेषकर मणिपुर में जो हिंसा का दौर चला कई लोगों का अपना जीवन खोना पड़ा है। मां-बेटियों के सम्मान के साथ खिलवाड़ हुआ। लेकिन कुछ दिनों से लगातार शांति की खबरें आ रही हैं। देश मणिपुर के लोगों के साथ है। देश मणिपुर के लोगों को पिछले कुछ दिनों से जो शांति बनाए रखी है, उस शांति के पर्व को आगे बढ़ाएं। शांति से ही इसका रास्ता निकलेगा। राज्य और केंद्र सरकार मिलकर उन समस्याओं के समाधान के लिए भरपूर प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने  आगे बात करते हुए कहा कि भारत के वीरों ने इस कालखंड में कोई भूमि ऐसी नहीं थी। कोई समय ऐसा नहीं था जब उन्होंने आजादी की लौ जलाई न हो। माँ भारती बंधनों से मुक्त होने के लिए उठ खड़ी हुई है। जंजीरें खड़खड़ा रही थीं। देश की नारी शक्ति से लेकर कोई भी भारतीय ऐसा नहीं था जो आज़ादी का सपना लेकर न जीता हो। त्याग और तपस्या का वह व्यापक रूप, वह क्षण जिसने एक नया विश्वास जगाया, अंततः 1947 में देश आजाद हुआ। देश ने 1000 साल की गुलामी के दौरान संजोये सपनों को पूरा होते देखा। मैं देख रहा हूं कि देश के सामने एक बार फिर अवसर आया है। यह अमृतकाल का प्रथम वर्ष है।  या तो हम युवावस्था में जी रहे हैं। या इस काल में जी रहे हैं। सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय के लिए कार्य करेंगे।

हम हैं भाग्यशाली कि हमारे पास कुछ ऐसी हैं चीजें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  ने कहा है कि पूरे विश्व में भारत की चेतना में एक नई आशा जगी है। इस प्रकाश पुंज से विश्व स्वयं को प्रकाश देख रहा है। हम भाग्यशाली हैं कि हमारे पास कुछ ऐसी चीजें हैं जो हमारे पूर्वजों को विरासत में मिली हैं। आज हमारे पास जनसांख्यिकी है। हमारे पास लोकतंत्र है।  हमारे पास विविधता है।  ये त्रिवेणी भारत के सपनों को आगे बढ़ाने की क्षमता रखती है। यह अत्यंत गौरव का कालखंड है कि आज 30 वर्ष से कम उम्र की आबादी दुनिया में कहीं है तो वह भारत माता की गोद में है। PM ने कहा कि हम आने वाले एक भव्य पड़ाव पर खड़े हैं। इसलिए हमें इंतजार नहीं करना पड़ेगा। दुविधा में न रहें। हमें खोई हुई विरासत पर गर्व करते हुए, खोई हुई समृद्धि को प्राप्त करते हुए आगे बढ़ना है। हम युवा शक्ति में विश्वास करते हैं। आज मेरे युवाओं ने भारत को दुनिया के पहले तीन स्टार्टअप इकोसिस्टम में जगह दिलाई है। दुनिया के युवा हैरान हो रहे हैं। भारत ने जो कमाल किया है वो सिर्फ दिल्ली, मुंबई और चेन्नई तक ही सीमित नहीं है। टियर II और टियर III शहर भी रिकॉर्ड बना रहे हैं। हमारे छोटे शहर आकार और जनसंख्या में छोटे हो सकते हैं लेकिन आशा और आकांक्षा और प्रयास और प्रभाव किसी से पीछे नहीं हैं।

हम सोच रहे हैं एक नई योजना

आज मेरे 5 वर्ष के कार्यकाल में मेरे साढ़े 13 करोड़ गरीब भाई-बहन गरीबी की जंजीरों को तोड़कर नव-मध्यम वर्ग के रूप में सामने आए हैं। इससे बड़ा जीवन का कोई संतोष नहीं है। मोदी को गारंटी है कि आने वाले 5 सालों में देश पहली तीन वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में जगह बना लेगा। यह निश्चित रूप से अपनी जगह लेगा। ऐसे परिवार के सदस्य जो शहरों में रहते हैं, किराये के मकान में रहते हैं। ऐसे परिवार के सदस्य जो मकान बनाना चाहते हैं। उन्हें बैंक से मिलने वाले ऋण के ब्याज में राहत देने का निर्णय लिया गया है। यह लिखकर रख लो कि मैं इन दिनों शिलान्यास कर रहा हूं। तुम सबने इसका उद्घाटन करना मेरे भाग्य में छोड़ दिया है। 2 करोड़ लखपति दीदी बनाने का सपना है। गांव में 2 करोड़ लखपति दीदी बनाने का मकसद है। हम एक नई योजना सोच रहे हैं। कि हमारे कृषि क्षेत्र में तकनीक आए। वीमेन सेल्फ ग्रुप की महिला को हम ड्रोन चलाने की ट्रेनिंग देंगे। हमारे कृषि के काम में ड्रोन की सेवाएं उपलब्ध हो। इसकी हम शुरुआत करेंगे।

2047 में जब आजादी के 100 साल का जश्न मनाएगा…उस समय झंडे की धूम दुनिया में होनी चाहिए

पीएम मोदी ने देशवासियों से मदद भी मांगी है। उन्होंने कहा कि सपने तो बहुत हैं। संकल्प स्पष्ट है। नीतियां स्पष्ट हैं। नियत के सामने कोई प्रश्नचिन्ह नहीं है लेकिन कुछ सच्चाइयों को हमें स्वीकारना ही पड़ेगा और उन्हें सुलझाने के लिए मेरे प्यारे परिवारजनों, मैं आज आपकी मदद मांगने लाल किले पर आया हूं। मैं लाल किले से आपका आशीर्वाद लेने आया हूं। मैं अनुभव के आधार पर कह रहा हूं कि आज उन बातों को गंभीरता से लेना होगा। 2047 में जब देश आजादी के 100 साल का जश्न मनाएगा, उस समय भारत के तिरंगे झंडे की धूम दुनिया में होनी चाहिए। हमें एक पल भी रुकना नहीं है, पीछे नहीं हटना है। सुचिता, पारदर्शिता और निष्पक्षता पहली मजबूत जरूरत है। वह ताकत हम खाद-पानी जितनी ही दे सकते हैं। संगठन के नेता दे सकते हैं। यह हमारी सामूहिक जिम्मेदारी होनी चाहिए। मोदी ने कहा कि परिवारवाद और भाई-भतीजावाद सामाजिक न्याय के लिए प्रतिभाओं के दुश्मन हैं। क्षमताओं को नकार रहे हैं। इसलिए इस देश के लोकतंत्र की मजबूती के लिए परिवारवाद से छुटकारा पाना जरूरी है। सर्वजन हिताय और सर्वजन सुखाय का अधिकार सभी को मिले, इसलिए सामाजिक न्याय के लिए भी यह जरूरी है। तुष्टीकरण ने सामाजिक न्याय को सबसे बड़ी क्षति पहुंचाई है। अगर किसी ने सामाजिक न्याय को ख़त्म किया है। तो ये तुष्टिकरण की सोच, तुष्टीकरण की राजनीति, तुष्टीकरण की योजनाओं की पद्धति ने सामाजिक न्याय को ख़त्म किया है। भ्रष्टाचार विकास का सबसे बड़ा दुश्मन है।

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