पीएम मोदी ने हिमाचल बाढ़ को लेकर की हाईप्रोफाइल बैठक,राज्य का दौरा करेंगे जेपी नड्डा

KNEWS DESK… हिमाचल प्रदेश में आई आपदा के बाद राहत औऱ बचाव कार्य जारी है. लेकिन पहाड़ पर इस आपदा से निपटने के लिए पीएम मोदी स्वयं अक्शन मोड पर आ गए हैं. हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बताया है कि राज्य में 10 हजार करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ है. पीएम मोदी ने हिमाचल प्रदेश के हालात को लेकर हाई प्रोफाइल बैठक की है.

दरअसल आपको बता दें कि इस बैठक में पीएम नरेंद्र मोदी के साथ गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा भी मौजूद रहे. बैठक के दौरान पीएम ने स्थिति और कार्रवाई की विस्तृत जानकारी ली और जरूरी निर्देश भी दिये. बता दें कि बैठक में फैसला लिया गया है कि रविवार को जेपी नड्डा हालात का जायजा लेने के लिए हिमाचल प्रदेश जाएंगे और बारिश प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगे. दरअसल, जेपी नड्डा हिमाचल प्रदेश के रहने वाले हैं और वह वहां की कठिनाइयों और चुनौतियों को बेहतर ढंग से समझते हैं। जेपी नड्डा हिमाचल के उन इलाकों का भी दौरा करेंगे जहां बाढ़ और बारिश का असर ज्यादा है. गौरतलब है कि हिमाचल में राहत और बचाव कार्य किस गति से चल रहा है और यहां किस तरह की मदद की जरूरत है, इसका भी आकलन नड्डा करने वाले हैं. संदेश साफ है कि पीएम मोदी से मुलाकात के बाद जेपी नड्डा राहत कार्यों से जुड़ी उन सभी कमियों और खूबियों को समझेंगे, जिनके आगे वहां की जनता बेबस है.

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रेस्क्यू ऑपरेशन शिमला में जारी है 

बता दें कि शिमला में भूस्खलन के बीच बारिश के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कतें आ रही हैं. समर हिल में बचाव अभियान अभी खत्म नहीं हुआ है, जहां भूस्खलन में मंदिर दब गया था. कई अन्य जगहों पर भी भूस्खलन के कारण मलबा बिखरा हुआ है, जिसे हटाने के लिए वायुसेना के चिनूक हेलीकॉप्टर से जेसीबी मशीन लाई गई है. इसके अलावा हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन के कारण कई जगहों पर पहाड़ी का मलबा हाईवे पर आ गया है. रास्ता बंद है. भूस्खलन के बाद पहाड़ से पेड़ नीचे सड़क पर गिर रहे हैं. बिजली के तारों पर पेड़ गिर रहे हैं जिससे वहां अफरा-तफरी मच गयी है. बारिश, भूस्खलन के कारण शिमला-कालका के बीच चलने वाली ट्रॉय ट्रेन का रूट भी प्रभावित हुआ है. ट्रैक के नीचे से जमीन गायब हो गयी है.

अब तक 300 से ज्यादा लोग की गई जान

जानकारी के लिए बता दें कि 24 जून से अब तक 300 से ज्यादा लोगों की जान चली गई और 2 हजार से ज्यादा लोगों को बचाया गया. इस तबाही से 10,000 से अधिक घर क्षतिग्रस्त हो गए और 1900 से अधिक घर नष्ट हो गए. हिमाचल प्रदेश में 3 नेशनल हाईवे समेत 506 सड़कें अभी भी बंद हैं और 1000 से ज्यादा बस रूट रुके हुए हैं. कुदरत की इस मार से पूरे हिमाचल प्रदेश में 10 हजार करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान जताया जा रहा है.

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