‘मोदी सरनेम’ मामले में 3 अप्रैल को राहुल गांधी सूरत कोर्ट के फैसले को देंगे चुनौती

आशीष चौरसिया 

कांग्रेस नेता राहुल गांधी  ‘मोदी सरनेम’ के मानहानि मामले में दो साल की सजा के खिलाफ 3 अप्रैल को सूरत कोर्ट  में याचिका दाखिल कर सकते हैं. राहुल को CJM कोर्ट ने हाल में ही मोदी सरनेम के मानहानि केस में सजा सुनाई थी. जिसमें कि कोर्ट ने कुछ ही देर बाद जमानत भी दे दी थी। साथ ही सजा को 30 दिन के लिए स्थगित कर दिया था।यानी इतने दिनों के बीच राहुल गांधी की गिरफ्तारी की जायेगी।जिसकते चलते वो हाईकोर्ट या सुप्रीमकोर्ट में फैसले के खिलाफ याचिका दायर कर सकते हैं, सूत्रों के अनुसार फैसले को चुनौती देने वाली याचिका तैयार है. कल राहुल कोर्ट में दाखिल कर सकते हैं. वह मानहानि मामले में दोष पर रोक की मांग करेंगे. दोष पर रोक लगने के पश्चात ही  उनकी संसद सदस्यता बहाल हो सकेगी।

दरअसल, राहुल गांधी को 2019 की ‘मोदी सरनेम’ पर की गई टिप्पणी मामले पर सूरत की एक कोर्ट ने इसी साल 23 मार्च को उन्हें दोषी मानते हुए दो साल कैद की सजा सुनाई थी. इस सजा के बाद राहुल गांधी को लोकसभा से  24 मार्च को  घोषित कर दिया गया था और उनकी सदस्यता रद्द हो गई है इस पूरे मामले की जानकारी लोकसभा सचिवालय ने पत्र जारी कर दी थी। दरसल 2013 के एक फैसले के दौरान सुप्रीमकोर्ट मे कहा था कि अगर कोई भी सांसद,विधायक निचली अदालत में दोषी पाया गया तो वह संसद,विधानसभा की सदस्यता के आयोग्य होगा। इसी नियम के तहत राहुल गांधी की सदस्यता की गर्ई।इसके बाद से ही कांग्रेस के तमाम नेताओं ने बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है

देश की राजनीती में उथल-पुथल 

बीजेपी ने आरोप लगाया था कि राहुल गांधी की कानूनी टीम ने कोर्ट के आदेश को चुनौती देने के लिए पर्याप्त मुस्तैदी नहीं दिखाई क्योंकि पार्टी कर्नाटक चुनाव से पहले इसे भुनाने का लक्ष्य बना रही थी. सवाल उठे रहे थे कि कांग्रेस नेता पवन खेड़ा की गिरफ्तारी पर तत्काल कार्रवाई हुई लेकिन राहुल गांधी की सजा के बाद नहीं. इसपर कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा था कि कानूनी टीम इस पर काम कर रही है. उन्होंने कहा था, हम जानते हैं कि कहां और कब अपील करनी है क्योंकि हमारे पास 30 दिनों का समय है।

क्या है पूरा मामला 

राहुल गांधी ने 2019 लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान कर्नाटक के कोलार में टिप्पणी करते हुए कहा था कि ‘सारे चोरों के नाम मोदी कैसे हैं’. इसके बाद उनके खिलाफ बीजेपी विधायक ने मानहानि का  केस दर्ज करवाया था. उनपर पूरे मोदी समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाने और धूमिल करने का आरोपा लगा था. कोर्ट ने इसके खिलाफ अब उन्हें दो साल की सजा सुनाई है.

 

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