KNEWS DESK… मणिपुर में 4 मई को शुरू हुई हिंसा की आग अभी पूरी तरह शांत नहीं हुई है. बल्कि मणिपुर सरकार के सामने इस बार पहले से बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है. हालांकि साढ़े चार महीने बाद इंटरनेट सेवा को फिर से बहाल कर दिया गया है लेकिन अभी भी चुनौतियां पूरी तरह से समाप्त नहीं हुई हैं.
दरअसल, मणिपुर में चार महीने से अधिक समय से चल रहे उत्पात में काफी हिंसा, दंगा और दरिंदगी देखने को मिली. इस बीच उपद्रवियों ने कई जगहों पर पुलिस थाना और ट्रेनिंग सेंटरों में जमकर लूटपाट मचाई थी. फिलहाल उपद्रवी अपने हाथों में वही लूटे गए AK-47 जैसे घातक हथियार और गोलाबारूद मौजूद है. इसके अलावा वो सुरक्षा बलों की गाड़ियां और वर्दी भी इस्तेमाल कर रहे हैं. राज्य में उपद्रवियों के एक समूह के पास असम राइफल जैसी गाड़ियां देखी गईं. हमला करने वाले उपद्रवी किसी ना किसी बल की वर्दी पहन कर आते हैं. वहीं मणिपुर सरकार ने लूटे गए हथियारों को जमा कराने के लिए दोबारा से अपील की है. मणिपुर सरकार ने ऐसे लोगों को दो सप्ताह का समय दिया है. इस अवधि के बाद अगर किसी व्यक्ति के पास हथियार पाए जाते हैं तो प्रशासन उनके साथ गंभीरता से निपटेगी.
हथियारों के दम पर मचा रहे लूटपाट
जानकारी के लिए बता दें कि सुरक्षा बलों की भेष में उपद्रवी लोगों को धमका रहे हैं, अपहरण और लूटपाट जैसी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं और जगह-जगह नाकाबंदी कर रहे हैं. लोगों को सुरक्षा बलों और उपद्रवियों को पहचानने में मुश्किल हो रही है. बता दें कि अभी तक मणिपुर हिंसा में 180 लोगों के मारे गए लोगों की अधिकारिक रुप से पुष्टि की गई है. वहीं 70 हज़ार से अधिक लोग कैंपों में अपनी ज़िंदगी गुजार रहे हैं.