KNEWS DESK… देश की राजधानी दिल्ली में 9 और 10 सितम्बर को G-20 शिखर सम्मेलन आयोजन हुआ था. जिसमें विश्व के कई राष्ट्राध्यक्ष और कई वरिष्ठ नेतागणों शामिल हुए थे. इस दौरान भारत समेत कई देशओं ने द्विपक्षीय वार्ता करते हुए कई अहम मामलों पर चर्चा की. इसी बीच विपक्ष केंद्र सरकार पर निशाना साध रही है.
दरअसल आपको बता दें कि G20 शिखर सम्मेलन में भारत-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर की घोषणा भी की गई. जो भारत के लिए गर्व की बात है. लेकिन इसी बीच अब विपक्ष यह आरोप लगा रहा है कि G-20 शिखर सम्मेलन के आयोजन में केंद्र सरकार ने आंवटित की गई राशि से 300 फीसदी से ज्यादा पैसा खर्च किया है. TMC के नेता साकेत गोखले ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि अविश्वसनीय! केंद्र की मोदी सरकार ने G-20 शिखर सम्मेलन में आवंटित बजट धनराशि से 300 प्रतिशत से ज्यादा पैसा खर्च किया है. G-20 शिखर सम्मेलन के लिए जो केंद्रीय बजट दिया गया था यह उससे 300% या 3110 करोड़ अधिक है. इससे यह स्पष्ट होता है कि पीएम मोदी ने 2024 के चुनावों के लिए सेल्फ-एडवरटाइजमेंट एवं पर्सनल पीआर के लिए गैर-जरूरी खर्च किया है.
जानकारी के लिए बता दें कि कांग्रेस ने भी एक वीडियो जारी करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने अपनी छवि चमकाने के लिए लोकसभा चुनाव से पहले G-20 शिखर सम्मेलन के बहाने अपने पोस्टर लगाने के लिए अतिरिक्त पैसे खर्च किए हैं. देश के गरीबों को नजरअंदाज करते हुए पीएम मोदी ने मेहमानों के लिए चांदी और सोने की बर्तन तथा टेबलवेयर आदि चीजों की अच्छी व्यवस्था करते हुए उनपर लागत से ज्यादा खर्च किया है.
बता दें कि केंद्र सरकार ने विपक्ष के इन सभी आरोपों को गलत बताते हुए पलटवार किया है.इन आरोपों को लेकर केंद्र सरकार की फैक्ट चेकिंग टीम PIB ने चेकिंग करने के बाद विपक्ष के द्वारा लगाए गए इन आरोपों को गलत एवं गुमराह करने वाला बताया है. इस मामले में PIB का कहना है कि यह खर्च सिर्फ शिखर सम्मेलन के लिए नहीं था, बल्कि इसमें लॉन्ग-टर्म इन्फ्रास्ट्रक्चर एवं एसेट्स में निवेश भी शामिल था.
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