आरएसएस और बीजेपी के बीच विवाद! संघ ने किया ‘पारिवारिक मामला’ मानने का ऐलान…

KNEWS DESK- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बीच बढ़ते मतभेद अब सार्वजनिक चर्चा का विषय बन गए हैं। सोमवार को आरएसएस ने पुष्टि की कि दोनों संगठनों के बीच कुछ समस्याएं हैं, लेकिन इसे ‘पारिवारिक मामला’ बताते हुए समाधान की प्रक्रिया की आश्वस्ति दी है।

केरल के पलक्कड़ में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहा कि संघ और बीजेपी के बीच समन्वय की कमी को लेकर हाल में उठे सवाल सही हैं। आंबेकर ने यह भी स्वीकार किया कि बीजेपी के अध्यक्ष जेपी नड्डा द्वारा लोकसभा चुनावों के दौरान दिए गए बयानों ने संघ कैडर के बीच कुछ हताशा उत्पन्न की है। नड्डा ने उस समय कहा था कि बीजेपी अब ‘आत्मनिर्भर’ हो चुकी है और उसे किसी के सहारे की जरूरत नहीं है, जिसके बाद संघ के भीतर असंतोष की आवाजें उठीं।

सुनील आंबेकर ने कहा कि आरएसएस की 100 साल की यात्रा में विभिन्न कार्यात्मक मुद्दे सामने आते हैं। हमारे पास इन्हें सुलझाने का एक मैकेनिज्म है। हमारी औपचारिक और अनौपचारिक मुलाकातें होती रहती हैं। 100 साल का इतिहास बताता है कि सभी सवालों का समाधान बैठकर निकाला जाएगा। आंबेकर ने यह भी स्पष्ट किया कि संघ और बीजेपी दोनों के लक्ष्यों में कोई भिन्नता नहीं है। उन्होंने कहा कि आरएसएस का मूल आधार राष्ट्र की सेवा है। हम सभी देश की सेवा के लिए समर्पित हैं और बाकी चीजें कार्यात्मक मुद्दे हैं।”

आंबेकर ने कहा कि बीजेपी को संघ प्रचारक मिलने की कमी के बारे में पूछे जाने पर आंबेकर ने कहा कि इस मुद्दे का कोई अस्तित्व नहीं है। उन्होंने दावा किया कि बीजेपी में पहले से ही पर्याप्त संख्या में संघ स्वयंसेवक और प्रचारक हैं, और यह व्यवस्था पूरी तरह से स्थापित है। यह एक अच्छी तरह से प्रचलित प्रणाली है और कोई समस्या नहीं है।

इस दौरान आंबेकर ने यह भी संकेत दिया कि तीन दिवसीय बैठक के दौरान समन्वय के मुद्दों और लोकसभा चुनाव के दौरान नड्डा के बयान के प्रभाव को लेकर चर्चा की गई। आरएसएस और बीजेपी के बीच संबंधों में सुधार के लिए आंबेकर ने विश्वास जताया कि सभी मुद्दों का समाधान जल्द ही निकाला जाएगा और दोनों संगठनों के बीच सहयोग जारी रहेगा। इस प्रकार, संघ ने अपने हाल के विवादों को लेकर स्पष्टता प्रदान करते हुए आश्वस्त किया कि सभी मुद्दों का समाधान एक पारिवारिक दृष्टिकोण से किया जाएगा, और भविष्य में सहयोग की प्रक्रिया जारी रहेगी।

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