राजस्थान के रण में असदुद्दीन ओवैसी ने ठोक दी ताल, ‘भाई जान’ के लड़ने से किसे फायदा और किसे नुकसान?

KNEWS DESK- राजस्थान में अगले कुछ महीनों में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में सभी पार्टियां अपनी- अपनी ताकत राजस्थान के सियासी मैदान में झोंक रही हैं। इसी बीच ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के चीफ असदुद्दीन ओवैसी अपनी सियासी पतंग से राजनीति के पेंच लड़ाते हुए नजर आने वाले हैं। जी हां उन्होंने राजस्थान के रण में कूदने का ऐलान कर दिया है। अब सवाल ये कि उनकी पार्टी के चुनाव लड़ने से किसे फायदा होगा और किसे नुकसान होगा?

जनसभाओं में भीड़ उठाकर दिखा रहे ताकत

आपको बता दें कि ओवैसी ने इस बात का ऐलान भले ही हैदराबाद से किया हो लेकिन राजस्थान में उनका भ्रमण पिछले काफी समय से चल रहा है। इतना ही नहीं जयपुर से लेकर नवलगढ़ और फतेहपुर तक में वो अपनी जनसभाओं में भीड़ इकठ्ठा कर ताकत भी दिखा रहे हैं और मुस्लिमों के मुद्दे भी जमकर उछाल रहे हैं। वो कहते हुए नजर आ रहे हैं, “जुनैद हो या नसीर इंशाअल्लाह मजलिस इनकी माली इम्दाद करेगी उनकी बेवाओं के अकाउंट में मजलिस माली इम्दाद करेगी। मैं आपसे वादा कर रहा हूं हम उन खानदानों के साथ थे, हैं और रहेंगे.”

किसका होगा फायदा और किसका होगा नुकसान?

राजस्थान के चुनाव में ओवैसी की एंट्री के बाद सवाल सियासी फायदे और नुकसान की हो रही है कि आखिर मुस्लिम वोटर्स किस पर भरोसा दिखाएगा? राजस्थान में करीब 40 ऐसी सीट हैं जिन पर मुस्लिम वोटरों का अच्छा खासा असर है। राजस्थान एआईएमआईएम के अध्यक्ष जमील खान ने कहा था, “30 से 40 सीटों पर चुनाव लड़ने वाले हैं। हमारी पूरी कोशिश है कि हम जहां से लड़ेंगे पूरी मजबूती से लड़ेंगे और हम किसी को हराने के लिए नहीं लड़ रहे. पूरी मेहनत से लड़ेंगे जीतेंगे भी.”

ये भी पढ़ें- West Bengal: शुभेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी की सरकार के खिलाफ कांग्रेस नेता के साथ मंच किया शेयर, TMC बोली- ‘सीक्रेट अलायंस’

40सीटों पर AIMIM की नजर 

जिन 40 सीटों पर AIMIM की नजर है उनमें टोक सिटी, मेवात की कामां, किशनगढ़ बास की तिजारा, शेखावटी की सीकर, जयपुर की हवामहल, किशनपोल, आदर्शनगर, कोटा उत्तर और सवाईमाधोपुर की सीटें भी शामिल हैं।  इन 40 सीटों पर औसतन 15 से 16 मुस्लिम उम्मीदवार हर बार जीतते रहे हैं और राजस्थान में मुस्लिम वोटर को अपने पक्ष में करने के लिए ओवैसी करोली, जोधपुर हिंसा से लेकर जुनैद औऱ नासिर की हत्या का मुद्दा जमकर उछाल रहे हैं।

कांग्रेस के पक्ष में ओवैसी का समीकरण

दरअसल, राजस्थान की 40 सीटों पर मुस्लिम आबादी ज्यादा है। इसलिए ओवैसी का फोकस इन सीटों पर ज्यादा है। खास बात ये है कि उनका जो समीकरण है वो कांग्रेस के पक्ष में है। पिछली विधानसभा चुनाव की बात करें तो  29 सीटें कांग्रेस को मिली थीं। 7 सीटें बीजेपी के खाते में गई थीं और 4 सीटें अन्य को मिली थीं।

ये भी पढ़ें-  Punjab: कांग्रेस विधायक सुखपाल सिंह खैरा की हुई गिरफ्तारी, जानें गिरफ्तारी के दौरान सुखपाल खैरा ने क्या कहा?

क्या कहती है कांग्रेस और बीजेपी?

राजस्थान कांग्रेस प्रवक्ता स्वर्णम चतुर्वेदी ने कहा, “हमारा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के साथ मुकाबला है। तीसरी पार्टी के लिए राजस्थान में जगह रही नहीं। बीजेपी का प्लान रहता है कि अपनी बी टीम सी टीम को भेजकर वोट काटने का काम करती है.”

बीजेपी कांग्रेस के आरोप को नकार रही है और ओवैसी और कांग्रेस के विचारों के तार जोड़ रही है। राजस्थान बीजेपी प्रवक्ता लक्ष्मीकांत भारद्वाज ने कहा, “हमारी सोच उनके साथ कहीं मिलती नहीं है। कांग्रेस की सोच ओवैसी के साथ मिलती है। इसलिए हमारी और उसकी समानता हो नहीं सकती। हम राजस्थान में मजबूत स्थिति में है और अकेले दम पर चुनाव में जीत हासिल करेंगे.”

राजस्थान में बारी-बारी से कभी कांग्रेस तो कभी बीजेपी के पास सत्ता का रिवाज रहा है लेकिन क्या ओवैसी की एंट्री से राजस्थान के समीकरण बदलेंगे। सस्पेंस बरकरार है क्योंकि बिहार और महाराष्ट्र में कमाल दिखा चुके ओवैसी को पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश में झटका लगा था।

ये भी पढ़ें-  गजेंद्र सिंह शेखावत ने सीएम गहलोत पर जमकर कसा तंज, जानें क्या कुछ कहा

About Post Author