भारत में सड़कों पर कार चलाने और ड्राइविंग के वक्त होने वाली परेशानियों को लेकर लगभग हर व्यक्ति का अपना अलग अनुभव होता है। जिसे ध्यान में रखते हुए हाल ही में एक सर्वे हुआ है जिसे Urban Mobility Happiness Survey का नाम दिया गया है।और इन नतीजों की रिपोर्ट को MG Motor ने प्रकाशित किया है। इस सर्वे को नील्सन द्वारा संचालित किया गया है।
इस सर्वे में भारत के प्रमुख शहरों के लोगों के मोबिलिटी पैटर्न और यात्रा करते समय उनके द्वारा झेली जा रही परेशानियों की जानकारी को एकत्र कर एक रिपोर्ट की शक्ल में संजोया गया है।
74% लोग अपर्याप्त पार्किंग को सामान्य समस्या समझते है…
सर्वे में शामिल लोगों में से केवल 26% के लिए पार्किंग ढूंढ़ना आसान था, जबकि 74% लोगों को उनके शहरों में पार्किंग की जगहों की उपलब्धता और मैनेजमेंट को लेकर संघर्ष करना पड़ता है।
71% कार मालिक केवल एक सहयात्री के साथ यात्रा करते हैं…
सर्वे के करीब 71% लोगों ने बताया कि वे अकेले या ज़्यादा से ज़्यादा एक अन्य यात्री के साथ कार में यात्रा करते हैं। केवल 1% प्रतिशत लोगों ने कहा है कि वे हमेशा एक से अधिक यात्री के साथ यात्रा करते हैं।
पेट्रोल व्हीकल अभी भी पसंदीदा हैं…
सर्वे के अनुसार 50% लोगों के पास पेट्रोल पर चलने वाले वाहन हैं जबकि 35% लोगों के पास डीजल पर चलने वाले वाहन हैं। फिर भी वैकल्पिक पावरट्रेन टेक्नोलॉजी पर चलने वाले वाहनों का रुख करने वाले कार-मालिकों का ट्रेंड लगातार तेजी से बढ़ रहा है।
81% लोग सामान रखने की जगह का इस्तेमाल लैपटॉप बैग रखने के लिए करते हैं…
सर्वे के नतीजों में खुलासा किया गया है कि करीब 77% लोग उनकी कार में सामान रखने की जगह का इस्तेमाल रोज़ाना करते हैं। इनमें से 81% लोगों ने कहा कि वे सामान रखने की जगह का उपयोग लैपटॉप बैग रखने के लिए करते हैं।
फ्यूल की बढ़ती कीमतों ने डाला शहरी लोगों की यात्रा में खलल..
करीब 52% लोगों ने बताया कि ईंधन कीमतों में वृद्धि से वे काफी अधिक प्रभावित हुए हैं। इसके साथ ही 50% लोगों ने कहा है कि ईंधन पर वे हर महीने 6,000 रुपये से अधिक खर्च करते हैं।