विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कॉनसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस में मणिपुर पर दिया जवाब , कहा – मणिपुर के हालात के लिए यहां आए प्रवासी भी जिम्मेदार

KNEWSDESK- विदेश मंत्री एसजयशंकर ने मंगलवार को काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस (सीएफआर) में भारत के मणिपुर राज्य की  स्थिति पर सवालों का जवाब दिया। आपको बता दें कि मणिपुर में चार महिने से हिंसा थम नहीं रही है। इसी संदर्भ में विदेश मंत्री ने काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस में सवालों का जवाब देते हुए कहा कि मुझे लगता है केंद्र सरकार की ओर से ऐसा रास्ता खोजने का प्रयास किया जा रहा है , जिससे स्थिति सामान्य हो सके। जानकारी के लिए बता दें कि प्रशासन ने कल शाम आदेश जारी किया कि इंटरनेट सेवा 5 दिन के लिए बंद होगी ।

मणिपुर की हालात के यहां आए प्रवासी भी जिम्मेदार 

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि मुझे लगता है कि राज्य सरकार और केंद्र सरकार की ओर से ऐसा रास्ता खोजने का प्रयास किया जा रहा है ,जिससे स्थिति सामान्य हो सके। हिंसा के दौरान जब्त किए जा सकें, पर्याप्त कानून – व्यवस्था लागू की जा सके ताकि वहां हिंसा की घटनाएं न घटें। और उन्होंने आगे कहा कि मुझे लगता है कि मणिपुर की हालात के यहां आए प्रवासी भी जिम्मेदार हैं हालांकि ऐसे तनाव भी हैं जिनका स्पष्ट रूप से एक लंबा इतिहास रहा है जो उससे पहले का है ।

उन्होंने कहा कि उन्होंने यह टिप्पणी व्यक्तिगत रूप से नहीं बल्कि प्रवक्ता ने की थी । विदेश मंत्री ने कहा कि अगर आप मुझसे पूछना चाहते हैं कि क्या वह सही थी , तो हां

 

मणिपुर में इंटरनेट सेवा 26 सिंतबर से 1 अक्टूबर तक बंद 

मणिपुर में इंटरनेट 26 सिंतबर की शाम 7 45 की शाम से 1 अक्टूबर तक बंद रहेगा। इसका मतलब है कि 5 दिनों तक इंटरनेट सेवा निलंबित की गई है । आपको बता दें कि प्रशासन ने आदेश जारी किया है उसमें कहा कि लोग मोबाइल इंटरने डेटा सेवा और VPN के माध्यम से भी इंटरनेट का उपयोग  नहीं कर सकते हैं ।

प्रशासन ने जारी किया  ये आदेश

प्रशासन ने आदेश में कहा है कि मणिपुर राज्य में मौजूदा कानून व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए राज्य सारकार दुष्प्रचार , झूठी अफवाहों और अन्य प्रकार की खबरों के प्रसार को बहुत संवेदनशीलता के साथ और गंभीरता से ले रही है टैबलेट , कंप्यूटर , मोबाइल जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के माध्यम से हिंसक गतिविधियों और बड़ी संख्या में MMS भेजने की वजह से आंदोलनकारियों और प्रदर्शनकारियों की भीड़ को बढ़ावा मिल सकता है, जिस कारण जीवन या फिर सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान हो सकता है ।

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