गोरखपुर: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया पुरातन छात्र सम्मेलन का वर्चुअल उद्घाटन

दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के तीन दिवसीय राष्ट्रीय पुरातन छात्र सम्मेलन का उद्घाटन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा वर्चुअल माध्यम से किया गया विश्वविद्यालय के  इस सम्मेलन में ऑफलाइन और ऑनलाइन मोड में 23000 से अधिक पुरातन छात्र जुड़ रहे हैं।

इनमें देश भर से राजनेता, शिक्षाविद, कुलपति वैज्ञानिक शामिल हो रहे हैं, इसमें रक्षा मंत्री के अलावा विशिष्ट अतिथि के तौर पर महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री कृपाशंकर सिंह एंड फटलाइजर विभाग के सचिव आरके चतुर्वेदी ,सांसद जगदंबिका पाल और हाई कोर्ट के न्यायाधीश सलील कुमार राय की मौजूदगी महत्वपूर्ण है।

सम्मेलन में विश्वविद्यालय के लगभग 35 पुरातन छात्रों को डिस्टिंग्विश अवार्ड से सम्मानित किया गया। सम्मानित होने वालों में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ,आरके चतुर्वेदी ,हाईकोर्ट के न्यायधीश सलील कुमार राय व राहुल चतुर्वेदी ,सांसद जगदंबिका पाल राजसभा सदस्य शिव प्रताप शुक्ला ,उड़ीसा के पूर्व डीजीपी कुंवर बृजेश सिंह ,दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय गया के कुलपति प्रोफेसर केएन सिंह, अमरकंटक केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी आदि लोग शामिल हुए ।

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि, आज अंतरराष्‍ट्रीय श्रमिक दिवस मनाया जा रहा है. श्रमिक भाई अपने काम से काम कमाते हैं. न कि नाम से काम. प्रधानमंत्री जी कहते हैं कि नए भारत में  कामगारों की अहमियत होगी, न कि नामदारों की. कोई भी देश तभी विकसित होता है, जब वो अपने श्रमिकों का सम्‍मान करता है।

जब हम आत्‍मनिर्भर भारत की बात करते हैं, तो हम श्रमिकों से बहुत प्रेरणा ले सकते हैं. हमारे श्रमिक आत्‍मनिर्भर भारत का सबसे अच्‍छा उदारण हैं। आत्‍मनिर्भर बनने की सबसे बड़ी शर्त होती है कि शिक्षा में हम आत्‍मनिर्भर बनें।

किसी भी राष्‍ट्र के आत्‍मनिर्भर बनने की पहली शर्त होती है कि वो पहले शिक्षा में आत्‍मनिर्भर बनें। गोरखपुर में छात्रसंघ के नाम से एक चौराहा है. इससे छात्र शक्ति का अंदाजा लगाया जा सकता है. यहां के छात्रों ने देश और प्रदेश की राजनीति में अपना स्‍थान बनाया है।

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि गुणवत्‍तापरक शिक्षा हमारा उद्देश्‍य है. गुणवत्‍तापरक शिक्षा के लिए नई शिक्षा नीति को गंभीरता के साथ अमल में लाना होगा. हर दिन दो कालेज स्‍थापित हो रहे हैं. इससे गुणवत्‍तापरक शिक्षा प्राप्‍त करने वाले विद्यार्थियों की संख्‍या बढ़ी है.

भविष्‍य संवारने के लिए सबसे अच्‍छा तरीका यही है कि खुद से लड़ा जाए. शिक्षा क्षेत्र को मजबूत करना हमारी प्राथमिकता, दायित्‍व और अनिवार्यता भी है. नए भारत के निर्माण में नई शिक्षा नी‍ति एक अहम पड़ाव है।

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