Knews India, ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए, राज्य सरकार बड़ी संख्या में सहायक स्वास्थ्य केंद्रों को आम आदमी क्लीनिक में बदलने की योजना बना रही है। ग्रामीण विकास और पंचायत विभाग के तहत आने वाले ये केंद्र अक्सर दवाओं की कमी और खराब बुनियादी ढांचे से जूझते पाए जाते हैं। ग्रामीण औषधालयों को आम आदमी क्लीनिक में बदलने से न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में दवाओं और नैदानिक सेवाओं की आपूर्ति मजबूत होगी, बल्कि इमारतों का नवीनीकरण भी सुनिश्चित होगा।
आम आदमी क्लिनिक लोगों को 84 आवश्यक दवाएं और 40 से अधिक डायग्नोस्टिक्स मुफ्त प्रदान करते हैं। कुल 664 आम आदमी क्लीनिक 236 शहरी और 428 ग्रामीण क्षेत्रों में चालू हैं। ये सभी पंजीकरण, डॉक्टर परामर्श, जांच और नुस्खे के एंड-टू-एंड डिजिटलीकरण के साथ आईटी-सक्षम हैं। इन क्लीनिकों में अब तक 80 लाख से अधिक मरीजों ने मुफ्त इलाज का लाभ उठाया है। ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग के अंतर्गत लगभग 550 सहायक स्वास्थ्य केंद्र संचालित हैं। इनमें से 50 को पहले ही आम आदमी क्लीनिक में बदल दिया गया है।
एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि शेष 500 केंद्रों को भी चरणबद्ध तरीके से आम आदमी क्लीनिक में बदल दिया जाएगा। चूंकि अगले महीने आम आदमी क्लीनिक के चरण-V को लॉन्च करने के लिए सूचियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इसलिए कई ग्रामीण औषधालयों को सूची में शामिल किए जाने की संभावना है। जबकि सरकार ने कहा है कि 100 और आम आदमी क्लिनिक तैयार हैं। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने होशियारपुर, पठानकोट और गुरदासपुर सहित कंडी क्षेत्रों में 70 अतिरिक्त क्लिनिक स्थापित करने को भी हरी झंडी दे दी है।
रूरल मेडिकल ऑफिसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. दीपिंदर भसीन ने कहा कि हम सरकार के कदम का स्वागत करते हैं। पंचायतों के अंतर्गत ग्रामीण औषधालय 2006 से उपेक्षा का शिकार हैं। उम्मीद है, हमें दवाओं की बेहतर आपूर्ति मिलेगी और इमारतें डॉक्टरों और मरीजों के लिए सुरक्षित होंगी। डायग्नोस्टिक सेवाओं से ग्रामीण औषधालयों में ग्राहकों की संख्या बढ़ेगी।