KNEWS DESK- सपा नेता आजम खान की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही है। बेटे अब्दुल्ला आजम के दो जन्म प्रमाण पत्र के मामले कोर्ट ने पूरे परिवार को दोषी करार दिया है। तीनों को 7-7 साल की सजा सुनाई गई है। आज ही तीनों को कोर्ट से सीधे जेल भेजा जाएगा। रामपुर के एमपी-एमएलए कोर्ट ने ये आदेश दिया है। भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने इस मामले में मुकदमा दर्ज करवाया था।
♦आजम खान, अब्दुल्ला आजम और तंजीम फातिमा को फेक बर्थ स र्टिफिकेट केस में 7-7 साल की कैद#AzamKhan #AbdullaAzam #Rampur pic.twitter.com/mxQFohJvvM
— Knews (@Knewsindia) October 18, 2023
बीजेपी नेता ने दर्ज करवाया था केस
बीजेपी नेता आकाश सक्सेना ने साल 2019 में ये केस दर्ज करवाया था। शासकीय अधिवक्ता अरुण कुमार ने कहा कि अब्दुल्ला आजम के दो जन्म प्रमाण पत्र मामले में तीनों को सजा सुनाई गई है। गंज थाने में अब्दुल्ला आजम के खिलाफ केस दर्ज करवाया गया था। इस मामले आजम खान, उनकी पत्नी और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को आरोपी बनाया गया था।
कोर्ट ने अब्दुल्ला के जन्म प्रमाण पत्र को बताया था फर्जी
शैक्षिक प्रमाण पत्रों में अब्दुल्ला की जन्म तिथि 1 जनवरी 1993 है जबकि उनके बर्थ सर्टिफिकेट में 30 सितंबर 1990 थी। हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए अब्दुल्ला की ओर से पेश किए गए जन्म प्रमाण पत्र को फर्जी पाया था और स्वार सीट से उनका चुनाव रद्द कर दिया था। कोर्ट ने पाया था कि साल 2017 में चुनाव लड़ने के दौरान अब्दुल्ला की उम्र 25 साल से कम थी।
25 साल से कम थी अब्दुल्ला की उम्र
2017 में यूपी विधानसभा चुनाव लड़ने के दौरान अब्दुल्ला की उम्र 25 साल से कम थी लेकिन फिर भी वो फर्जी प्रमाण पत्र के दम पर चुनाव लड़े। रामपुर की स्वार विधानसभा सीट से अब्दुल्ला आजम ने जब विधानसभा का चुनाव लड़ा था तो शफीक अंसारी उनके प्रस्तावक थे। अब शफीक अंसारी अपना दल में हैं और स्वार से अपना दल के विधायक बन गए हैं। हालांकि, 2017 में स्वार सीट से अब्दुल्ला आजम ही चुनाव जीते थे।
इसके बाद इस मामले में एक नया मोड़ आया। रामपुर से बीजेपी विधायक आकाश सक्सेना ने 2019 में रामपुर के गंज थाने में आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम के खिलाफ दो जन्म प्रमाणपत्र होने का मामला दर्ज कराया, जिसमें आजम खान और उनकी पत्नी तंजीन फातिमा को भी आरोपी बनाया गया था। अब कोर्ट ने आजम खान, अब्दुल्ला आजम और तंजीन फातिमा को दोषी पाया है और तीनों को 7-7 साल की सजा सुनाई है।
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