KNEWS DESK- 8 अक्टूबर यानि आज भारत 91वां इंडियन एयरफोर्स डे मना रहा है। जानकारी के लिए आपको बता दें कि इंडियन एयरफोर्स की स्थापना 8 अक्टूबर 1932 को हुई थी जिसके बाद से हर साल इस दिन को सेलिब्रेट किया जाता है। आज के इस खास मौके पर भारतीय वायु सेना ने 72 वर्ष के बाद अपने झंडे में बदलाव किया है। वो बदलाव क्या हैं चलिए आपको बताते हैं-
झंडे में हुए ये बदलाव
वायुसेना का वर्तमान ध्वज नीले रंग का है। इसमें पहले चतुर्थांश में राष्ट्रीय ध्वज है और केंद्र में राष्ट्रीय ध्वज के रंगों, यानी केसरिया, सफेद और हरे रंग से बना एक गोलाकार घेरा है। इस पताका को 1951 में अपनाया गया था। एयरफोर्स की तरफ से जारी बयान में कहा गया, वायु सेना के मूल्यों को बेहतर ढंग से दिखाने के लिए अब एक नया ध्वज बनाया गया है। झंडे के ऊपरी हिस्से में दाएं कोने पर बदलाव किया गया है। फ्लाई साइड की ओर वायुसेना क्रेस्ट को शामिल किया गया है।
वर्तमान ध्वज में अशोक स्तंभ के शेर और उसके नीचे देवनागरी में ‘सत्यमेव जयते’ लिखा है। ऐतिहासिक अशोक स्तंभ भारत का राजचिह्न भी है। नीचे एक हिमालयी ईगल है, जिसके पंख फैले हुए हैं, जो भारतीय वायुसेना के लड़ने के गुणों को दर्शाता है। हल्के नीले रंग के घेरे में हिमालयी ईगल को घेरे हुए है, जिस पर लिखा है ‘भारतीय वायुसेना’। भारतीय वायुसेना के आदर्श वाक्य संस्कृत में ””””नभः स्पृशं दीप्तम्”””” है। हिंदी में इसका अर्थ है ””””जीत के साथ आकाश को छुओ।”””” यह आदर्श वाक्य श्रीमद्भगवद्गीता के अध्याय 11 के श्लोक 24 से लिया गया है और इसका अर्थ है। ‘उज्ज्वल तू स्वर्ग को छूएगा’ या दूसरे शब्दों में ‘महिमा के साथ आकाश को छूना’
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— Knews (@Knewsindia) October 8, 2023
वायु सेना की स्थापना 8 अक्टूबर 1932 को गई थी। 72 वर्ष के बाद वायु सेना ने अपने झंडे में परिवर्तन किया है। पहले इसे रॉयल फोर्स के नाम से जाना जाता था। इसके बाद रॉयल इंडियन एयरफोर्स नामकरण किया गया। देश की आजादी के बाद 1950 में रॉयल शब्द हटाकर इंडियन एयर फोर्स नाम दिया गया और झंडा भी बदला गया।
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