नई दिल्ली, कर्नाटक चुनाव से पहले चुनाव आयोग से आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल गया है. इसके अलावा तीन दलों से राष्ट्रीय पार्टी होने का दर्जा छीन लिया गया है. इन तीन दलों में राष्ट्रवादी कांग्रेस (NCP), तृणमूल कांग्रेस (TMC) और भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी (CPI) शामिल हैं. चुनाव आयोग ने पर्याप्त आंकलन के बाद ही इन दलों से दर्जा छीना है.
चुनाव आयोग ने सोमवार को तीन राष्ट्रीय पार्टियों और दो क्षेत्रीय पार्टियों से दर्जा वापस लिया है. वहीं एक पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिया. निर्वाचन आयोग ने राष्ट्रवादी कांग्रेस (NCP), तृणमूल कांग्रेस (TMC) और भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी (CPI) का राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा वापस ले लिया है. इसके अलावा आम आदमी पार्टी को अब राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल गया है.
इसके अलावा क्षेत्रीय दलों में निर्वाचन आयोग ने भारत राष्ट्र समिति (BRS) से आंध्र प्रदेश में और राष्ट्रीय लोक दल (RLD) से UP में क्षेत्रीय दल का दर्जा वापस ले लिया गया है. आम आदमी पार्टी को यह दर्जा मिलने पर अरविंद केजरीवाल द्वारा ट्वीट कर नेताओं को शुभकामनाओं दी. केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि यह किसी चमत्कार से कम नहीं है.
कब मिलता है राष्ट्रीय दर्जा ?
चुनाव आयोग के नियम के मुताबिक किसी भी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करने के लिए कुछ प्रमुख शर्तों को पूरा करना होता है. अगर कोई भी पार्टी उन शर्तों को पूरा करती है तो इलेक्शन कमीशन (EC) उसे राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा देता है.
राष्ट्रीय दर्जे के लिए आप ने लिया कोर्ट का सहारा
AAP कर्नाटक के संयोजक पृथ्वी रेड्डी की तरफ से कर्नाटक हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी. याचिका में कहा गया था कि आम आदमी पार्टी राष्ट्रीय पार्टी बनने की सभी शर्तें पूरी करती है, लेकिन इसके बावजूद दर्जा मिलने में देरी हो रही है. इस तर्क को सुनने के बाद कोर्ट ने चुनाव आयोग को 13 अप्रैल तक का वक्त दिया था. कर्नाटक हाई कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा भी था कि 13 अप्रैल तक ये फैसला कर लिया जाए कि AAP राष्ट्रीय पार्टी बनती है या नहीं. बता दें कि चुनाव आयोग ही मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और राज्य राजनीतिक दलों के स्टेटस की समीक्षा करता है, जो सिंबल ऑर्डर 1968 के तहत एक सतत प्रक्रिया है. साल 2019 से अब तक चुनाव आयोग ने 16 राजनीतिक दलों के स्टेटस को अपग्रेड किया है और 9 राष्ट्रीय/राज्य राजनीतिक दलों के करंट स्टेटस को वापस लिया है.
क्यो छिना इन पार्टियों से दर्जा ?
चुनाव आयोग के मुताबिक इन दलों को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिया गया था लेकिन ये दल उतना रिजल्ट नहीं ला पाए इसलिए यह दर्जा वापस लिया गया है. इन्हें 2 संसदीय चुनावों और 21 राज्य विधानसभा चुनावों के पर्याप्त मौके दिए गए थे. इसके बाद इन दलों के प्रदर्शन को रिव्यू किया गया और फिर राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा वापस ले लिया गया. हालांकि ये पार्टियां आगे के चुनावी चक्र में प्रदर्शन के आधार पर राष्ट्रीय पार्टी होने का दर्जा वापस हासिल कर सकती हैं.