रिपोर्ट: शैलेन्द्र कुमार
बस्ती:37 दिन पहले जमीन के विवाद को लेकर हुए मारपीट के मामले में घायल विपिन जायसवाल की लखनऊ मेडिकल कॉलेज में मौत हो गई जिसके बाद उसके शव को लेकर परिजन सीधा पुरानी बस्ती थाने में पहुंच गए और घंटों ड्रामा करते रहे।
पुरानी बस्ती थाने पर उस समय हड़कंप मच गया जब कुछ लोग थाने के गेट पर शव रख कर हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग करने लगे, पुलिस के काफी प्रयास और आश्वाशन के बाद शव को थाने से हटाया गए, आप को बता दें रानी पोखरा गांव के रहने वाले विपिन जायसवाल और उनके पटीदारों के बीच 13 फरवरी को विवाद के बाद मारपीट हुई थी, जिसमे दोनों पक्षों की तरफ से क्रॉस मुकदमा दर्ज हुआ था, मृतक विपिन को गंभीर चोट आई थी, और उनका इलाज लखनऊ मेडिकल कॉलेज में हो रहा था, इलाज के दौरान आज विपिन जायसवाल ने दम तोड़ दिया, परिजनों का आरोप है की पुलिस ने हमलावरों पर उचित कार्रवाई नहीं की, विपिन जायसवाल की मृत होने के बाद परिजन शव लेकर थाने पर पहुंच गए, थाने के गेट पर शव रख कर हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग करने लगे.
परिजनों का आरोप
मृतक के परिजनों का आरोप था कि पुलिस ने एकपक्षीय कार्रवाई करते हुए हत्या करने वाले लोगों को बचाने का प्रयास कर रही है इसलिए उन लोगों ने शव थाने के अंदर रख कर जमकर प्रदर्शन किया। इस दौरान पुरानी बस्ती थाने के थानेदार योगेश सिंह के साथ मृतक की बेटियों से जमकर तू तू मैं मैं भी हुई।
मृतक की बेटी का आरोप है
मृतक की बेटी का आरोप है कि वे लोग अनाथ हो गए और उनके पिता की हत्या कर दी गई जबकि पुलिस ने हत्या करने वाले आरोपियों पर कोई कार्रवाई नहीं की बल्कि उल्टा उन लोगों पर ही केस दर्ज कर लिया.
सीओ का कहना है
वहीं पूरे मामले पर सीओ आलोक प्रसाद का कहना है की परिजनों ने मारपीट में आई चोट की वजह से मौत का आरोप लगाया है, जांच में यह भी तथ्य सामने आया है की पिछले एक साल से मृतक लिवर की बीमारी का इलाज कैली हॉस्पिटल में चल रहा था, शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है, पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।