कौन था शरीफ उस्मान हादी? जिसकी मौत के बाद बांग्लादेश में भड़की हिंसा, हसीना विरोधी आंदोलन से उभरा भारत विरोधी नेता

KNEWS DESK – बांग्लादेश की राजनीति एक बार फिर उबाल पर है। शेख हसीना विरोधी छात्र आंदोलन से उभरे नेता शरीफ उस्मान हादी की गुरुवार देर रात मौत हो गई। गोली लगने के बाद गंभीर रूप से घायल हादी का इलाज सिंगापुर में चल रहा था, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया। हादी की मौत की पुष्टि सिंगापुर के विदेश मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान जारी कर की।

हादी की मौत के बाद भड़की हिंसा

जैसे ही हादी की मौत की खबर सामने आई, बांग्लादेश के अलग-अलग हिस्सों में हिंसक प्रदर्शन शुरू हो गए। राजधानी ढाका में आधी रात से ही तनावपूर्ण हालात बन गए। प्रदर्शनकारियों ने ढाका स्थित देश के प्रमुख अखबारों प्रथम आलो और डेली स्टार के दफ्तरों में आग लगा दी।

हजारों लोग शाहबाग चौराहे पर जमा हुए और तख्तियां लेकर सरकार विरोधी नारे लगाए। प्रदर्शनकारियों ने अंतरिम यूनुस सरकार पर हादी की सुरक्षा में नाकाम रहने का आरोप लगाया।

देशभर में तोड़फोड़ और हमले

हिंसा सिर्फ ढाका तक सीमित नहीं रही। राजशाही में शेख मुजीबुर रहमान के घर और अवामी लीग के दफ्तर को आग के हवाले कर दिया गया। चटगांव में भारतीय उच्चायोग के कार्यालय पर पथराव किया गया। उप-उच्चायुक्त के आवास के बाहर भी प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी करते हुए पत्थर फेंके, जिससे हालात और तनावपूर्ण हो गए।

कैसे हुई थी हादी पर गोलीबारी

शरीफ उस्मान हादी को 12 दिसंबर को ढाका के बिजयनगर इलाके में चुनाव प्रचार के दौरान अज्ञात हमलावरों ने गोली मार दी थी। गोली उनके सिर में लगी थी, जिससे उनकी हालत बेहद नाजुक हो गई थी। इसके बाद उन्हें एयर एंबुलेंस से सिंगापुर ले जाया गया और सिंगापुर जनरल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों के मुताबिक, हादी को गंभीर और ठीक न होने वाला ब्रेन डैमेज हुआ था। कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था और उन्हें लाइफ सपोर्ट पर रखा गया था। तमाम कोशिशों के बावजूद उनकी जान नहीं बचाई जा सकी।

कौन थे शरीफ उस्मान हादी

32 वर्षीय शरीफ उस्मान हादी पिछले साल जुलाई में हुए शेख हसीना विरोधी छात्र आंदोलन के दौरान चर्चा में आए थे। वे हसीना विरोधी मंच इंकलाब मंच के प्रवक्ता थे। फरवरी 2026 में होने वाले आम चुनाव में वे ढाका-8 सीट से स्वतंत्र उम्मीदवार के तौर पर चुनाव प्रचार कर रहे थे। इंकलाब मंच को एक कट्टरपंथी संगठन माना जाता है, जिसने अवामी लीग के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाया था। हालांकि, छात्र आंदोलन में भूमिका के बावजूद यूनुस सरकार ने इस संगठन को भंग कर चुनाव में भाग लेने से रोक दिया था।

हादी खुद को बांग्लादेश में भारत का कट्टर विरोधी बताने के लिए जाने जाते थे। उन्होंने अवामी लीग के साथ-साथ बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी पर भी निशाना साधा था। हाल ही में उन्होंने तथाकथित ग्रेटर बांग्लादेश का एक विवादित नक्शा भी साझा किया था, जिसमें भारत के कुछ हिस्सों को शामिल किया गया था।

यूनुस सरकार का राष्ट्रीय शोक

हादी की मौत पर बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने एक दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है। राष्ट्र के नाम संबोधन में यूनुस ने हादी के हत्यारों को जल्द पकड़ने और सख्त सजा दिलाने का भरोसा दिलाया। यूनुस ने कहा, “जुलाई विद्रोह के निडर फ्रंटलाइन योद्धा शरीफ उस्मान हादी अब हमारे बीच नहीं रहे। मैं सभी नागरिकों से अपील करता हूं कि धैर्य और संयम बनाए रखें।”

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