डिजिटल डेस्क- एक दौर था जब पूर्वांचल में माफिया डॉन अतीक अहमद का सिक्का चलता था। सियासत से लेकर प्रशासन तक में उसका नाम सुनकर लोग कांप उठते थे। लेकिन अब हालात बदल चुके हैं। अतीक अहमद और उसका साम्राज्य इतिहास बन चुका है और उसका परिवार जान बचाने के लिए गुहार लगा रहा है। बुधवार को अतीक का बेटा अली अहमद जब प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल से झांसी जेल शिफ्ट किया गया तो उसने भावुक होकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील की कि अब और न सताया जाए।
नैनी से झांसी जेल शिफ्ट
प्रॉपर्टी डीलर जीशान उर्फ जानू से पांच करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने के मामले में सरेंडर करने के बाद अली अहमद नैनी जेल में बंद था। बुधवार सुबह कड़ी सुरक्षा में उसे नैनी से झांसी जेल ले जाया गया। दोपहर करीब 3 बजे अली को झांसी जेल में दाखिल कराया गया।
हाई सिक्योरिटी बैरक में निगरानी
झांसी जेल के वरिष्ठ जेल अधीक्षक विनोद सिंह ने बताया कि अली अहमद को हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया है। यहां उसकी हर गतिविधि पर सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जाएगी। सुरक्षा इंतजामों को लेकर जेल प्रशासन पहले से सतर्क था।
CM योगी से गुहार
झांसी जेल पहुंचने पर अली अहमद बेहद भावुक नजर आया। उसने मीडिया के जरिए सीएम योगी से कहा, “मुख्यमंत्री जी अब और न सताया जाए। जो हो गया वो हो गया। बस अब बचा लें।” अली ने दावा किया कि उसे छोटे से चैम्बर में बैठाकर यहां लाया गया जिसमें मुश्किल से 5-6 लोग बैठ पाते हैं। उसने कहा कि “मैं लॉ का स्टूडेंट हूं, दिल्ली में पढ़ता था। मेरे खिलाफ फर्जी मुकदमे दर्ज कर दिए गए हैं। 8 केस लाद दिए गए हैं। अल्लाह बेहतर जानता है कि मैं यहां सुरक्षित रहूंगा या नहीं।”
झांसी में भाई असद का एनकाउंटर
झांसी जेल पहले भी कई बड़े अपराधियों की मौजूदगी और घटनाओं को लेकर सुर्खियों में रह चुकी है। यहां मुख्तार अंसारी और मुन्ना बजरंगी जैसे माफिया बंद रह चुके हैं। अली अहमद के भाई असद का एनकाउंटर भी झांसी में ही हुआ था, जिससे अली की चिंता और बढ़ गई है।