जॉर्ज एवरेस्ट विवाद,विपक्ष के सवाल !

उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, उत्तराखण्ड में पर्यटन विकास को लेकर एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है. मसूरी स्थित प्रसिद्ध पर्यटन स्थल जॉर्ज एवरेस्ट में काम के टेंडर को लेकर कांग्रेस ने प्रेसवार्ता कर प्रदेश सरकार पर गंभीर आरोप लगा दिये हैं. कांग्रेस का कहना है कि पर्यटन विभाग की जमीन को सालाना किराए पर देने में सरकार ने सबसे बड़ा भ्रष्टाचार किया है. उन्होंने योग गुरु बाबा रामदेव और उनकी कंपनियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि मसूरी की लगभग 762 बीघा जमीन को एरो स्पोर्ट्स एंड एडवेंचर प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी को मात्र एक करोड़ रुपये सालाना पर देना किसी भी हाल में न्याय संगत नहीं है. कांग्रेस ने इस मामले की सीबीआई जांच करवाने की मांग की है। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि जिस कंपनी को काम दिया गया है उसने मौके पर करीब 1000 बीघा जमीन पर कब्जा कर लिया है. कांग्रेस का दावा है कि टेंडर में जिन तीन कंपनियों ने आवेदन किया वे सभी रामदेव के सहयोगी आचार्य बालकृष्ण से जुड़ी हुई हैं. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि यहां की जमीन और संपत्तियों की अनुमानित कीमत करीब 30 हजार करोड़ रुपये है. इसे मामूली रकम में निजी हाथों में सौंपने का प्रयास किया गया है. कांग्रेस ने इसे उत्तराखंड का अब तक का सबसे बड़ा घोटाला करार दिया है। जिसको लेकर प्रदेश की राजनीति गरमा गई है। आज इसी पर करेंगे चर्चा देखिये एक रिपोर्ट।

पहाड़ो की रानी मसूरी स्थित प्रसिद्ध पर्यटन स्थल जॉर्ज एवरेस्ट में उत्तराखण्ड टूरिज्म बोर्ड ने एडवेंचर टूरिज्म के लिए एक टेंडर निकाला गया था. टेंडर हासिल करने वाले को 142 एकड़ में फैले स्पॉट में म्यूजियम, ऑब्जर्वेटरी, कैफेटेरिया, स्पोर्ट्स एरिया, पार्किंग आदि सबके प्रबंधन का जिम्मा मिलना था. इस जमीन को उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद के उप कार्यकारी अधिकारी ने राजस एरो स्पोर्टस एण्ड एडवैंचर प्राईवेट लिमिटेड को केवल 1 करोड़ रुपए सालाना किराए पर दे दिया. महज एक करोड़ रुपए सालाना शुल्क के साथ बालकृष्ण की कंपनी ने यह टेंडर हासिल कर लिया. गौर करने वाली बात यह रही कि दूसरे तीसरे नंबर पर भी टेंडर में जिन कंपनियों के नाम आए उनकी मिल्कियत भी बालकृष्ण के पास है। व्यवसायिक जमीन का वास्तविक बाजार मूल्य आम तौर पर इसके चार गुना और व्यावसायिक या पर्यटन स्थलों पर 10 गुना तक होता है. कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष संगठन सूर्यकान्त धस्माना का कहना है कि उत्तराखण्ड के युवा बेरोजगारी से तड़प रहे हैं. सरकार और अधिकारी यहां की जमीनें कौड़ियों के भाव दे रहे हैं. ये राज्य की जनता के साथ बहुत बड़ा धोखा है. उन्होंने इस टेंडर आवंटन की सीबीआई अथवा रिटायर्ड न्यायाधीश की अध्यक्षता में कमेटी से जांच की मांग की है।

आपको बता दे  जॉर्ज एवरेस्ट मसूरी के हाथीपांव क्षेत्र में स्थित एक ऐतिहासिक धरोहर है. यह जगह ब्रिटिश सर्वेक्षक जनरल सर जॉर्ज एवरेस्ट का निवास स्थल हुआ करती थी. सर जॉर्ज एवरेस्ट ने 1832 से 1843 तक भारत में ग्रेट ट्रिगोनोमेट्रिकल सर्वे बनाया था. उनके सम्मान में ही विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट का नाम रखा गया. मसूरी स्थित उनका घर और प्रयोगशाला लंबे समय तक उपेक्षा का शिकार रही. हाल के वर्षों में इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया गया है. यहां से दून घाटी और हिमालयी पर्वतों का शानदार नजारा देखने को मिलता है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा जॉर्ज एवरेस्ट टेंडर को जनता के साथ धोखा बता रहे है. साथ ही इसकी जांच की मांग कर रहे है. वहीं सरकार और विभाग इसे एक पारदर्शी और नियमानुसार प्रक्रिया बता रहे हैं.  कांग्रेस ने आरोप लगाए तो बीजेपी का पलटवार भी सामने आ गया। बीजेपी का कहना है कि मसूरी स्थित जॉर्ज एवरेस्ट में पर्यटन गतिविधियों के लिए आवेदन प्रक्रिया विधि सम्मत हुई है. हर प्रक्रिया का पालन किया गया है. विकसित किये गए स्थल की भूमि और संसाधन राज्य के हैं. उस स्थल के पास आम आदमी की आवाजाही या अन्य गतिविधियों पर किसी तरह की रोक नही है. उन्होंने कांग्रेस के आरोपों को झूठ का पुलिन्दा और तथ्यों से परे बताया है।

आपको बता दे ,जानकारी के मुताबिक आरोप है की जार्ज एवरेस्ट एस्टेट की 30 हजार करोड़ रुपये बाजार मूल्य वाली जमीन केवल एक करोड़ रुपये सालाना के मामूली किराए पर बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद से संबंधित कंपनी को दिया गया. जिस 142 एकड़ भूमि को 15 साल के लिए एक करोड़ रुपये सालाना किराये पर रामदेव के सहयोगी बालकृष्ण की कंपनी ‘राजस एयरो स्पोर्टस एंड एडवैंचर प्राईवेट लिमिटेड’ को दिया गया है, उस भूमि को सरकार ने पहले एशियाई विकास बैंक से 23 करोड़ रुपए का कर्ज लेकर विकसित किया गया.विपक्षी दल इस मामले को प्रदेश का अब तक का बड़ा घोटाला मान रही है ,जिसको लेकर अब कांग्रेस सड़को पर भी उतर चुकी है. और भाजपा इसको विपक्ष के बेबुनियादी सवाल अब देखना होगा अगर घोटाला इतना बड़ा और गभीर है. तो विपक्ष इसको जुबानी जंग के साथ कैसे सबूतो के आधार पर पर्दा फर्श कर पायेगा।