झारखंड चुनाव: हेमंत सोरेन का चंपाई सोरेन पर बड़ा बयान, कहा- “23 नवंबर को इसका जवाब मिलेगा”

KNEWS DESK-  झारखंड विधानसभा चुनाव के करीब आते ही प्रदेश में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एक बार फिर राज्य में झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) की जीत का दावा किया है। इस दौरान, उन्होंने अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन के भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल होने पर भी प्रतिक्रिया दी। मुख्यमंत्री सोरेन ने कहा, “जो होता है, अच्छे के लिए होता है,” और इस घटना को लेकर किसी तरह की चिंता जताने के बजाय सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाया।

चंपाई सोरेन को लेकर हेमंत सोरेन का बयान

एबीपी न्यूज द्वारा किए गए सवाल “क्या चंपाई सोरेन को सीएम कुर्सी देकर हेमंत सोरेन ने सेल्फ गोल किया है?” के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा, “जो होता है, अच्छे के लिए होता है।” उन्होंने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में 23 नवंबर को यह स्पष्ट हो जाएगा कि किसे वोट मिल रहे हैं और इसका परिणाम क्या होगा। चंपाई सोरेन के बीजेपी में शामिल होने के सवाल पर मुख्यमंत्री सोरेन ने इसको जेएमएम के लिए कोई बड़ा नुकसान नहीं माना और पार्टी की जीत का पूरा विश्वास जताया।

बीजेपी पर हमला: आरोपों का सिलसिला

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि विपक्ष कभी मुख्यमंत्री के चेहरे का ऐलान नहीं कर पाएगा। उनका आरोप था कि बीजेपी चुनावी प्रचार में केवल भ्रम फैलाने का काम करती है और इसके पास न तो कोई स्पष्ट नेतृत्व है, न ही राज्य की जनता को लेकर कोई ठोस नीति।

हेमंत सोरेन ने बीजेपी के ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ नारे को भी निशाने पर लिया, जिसे पार्टी ने आगामी चुनावों में प्रचारित किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी ने झारखंड में पिछले दो दशकों तक राज्य को शोषित किया है और गरीबों को और भी अधिक गरीब बना दिया। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी ने राज्य को “नींबू की तरह निचोड़ा” और गरीबों की कमर तोड़ दी।

मुख्यमंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी न केवल विधायकों और सांसदों की खरीद-फरोख्त करती है, बल्कि अपनी ‘डबल इंजन’ वाली सरकार बनाने के लिए सरकारों को गिराने की साजिश भी रचती है। उनका कहना था कि बीजेपी राज्य और देश के संघीय ढांचे को कमजोर करने की कोशिश कर रही है।

झारखंड विधानसभा चुनाव: क्या कहते हैं आंकड़े?

झारखंड विधानसभा में कुल 81 सीटें हैं, और बहुमत के लिए 41 सीटों की आवश्यकता होती है। राज्य में विधानसभा चुनाव दो चरणों में होंगे—13 और 20 नवंबर को। इसके बाद 23 नवंबर को चुनाव परिणामों की घोषणा की जाएगी।

हेमंत सोरेन की अगुवाई वाली सरकार ने राज्य में विभिन्न योजनाओं और विकास कार्यों के जरिए अपना रुख स्पष्ट किया है, लेकिन विपक्ष, खासकर बीजेपी, ने राज्य सरकार के कार्यकाल को लेकर आलोचनाएं की हैं। चंपाई सोरेन के बीजेपी में शामिल होने के बाद से यह मुद्दा और भी संवेदनशील हो गया है, क्योंकि उनका स्थान राज्य के आदिवासी समुदाय में एक प्रमुख नेता के रूप में था।

विपक्ष की ओर से, चंपाई सोरेन के बीजेपी में शामिल होने के बाद पार्टी को झटका लगा है। बीजेपी ने इसे अपनी स्थिति मजबूत करने का एक कदम बताया है, लेकिन हेमंत सोरेन ने इसे ज्यादा महत्व नहीं दिया। उनका कहना था कि 23 नवंबर को परिणाम के बाद सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा। वहीं, बीजेपी के मुख्यमंत्री चेहरे के बारे में सोरेन ने कहा कि विपक्ष कभी अपना मुख्यमंत्री चेहरे की घोषणा नहीं कर पाएगा, जिससे साफ है कि आगामी चुनावों में विपक्ष की स्थिति को लेकर उन्हें संदेह है।

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